भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भारतीय खिलाड़ियों को लेकर एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। बोर्ड (BCCI) भारतीय टीम के खिलाड़ियों को उसी तरह विदेशी लीग में भाग लेने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है, जिस तरह विदेशी खिलाड़ी भारतीय लीग में भाग लेते हैं।
अब तक BCCI सक्रिय खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाती रही है, लेकिन अब इस कड़ी में एक और तार जुड़ने जा रही है। दरअसल, हाल ही में आईं रिपोर्ट्स के मुताबिक BCCI भारतीय टीम के खिलाड़ियों को बाहरी लीग में खेलने की इजाजत दे सकती है।
इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन कहा जा रहा है कि बोर्ड (BCCI) जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा। वहीं, BCCI की इजाजत के बाद टीम इंडिया के 5 खिलाड़ी तुरंत संन्यास का ऐलान कर देंगे। आज हम आपको इस आर्टिकल में उन ही पांच खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
BCCI द्वारा विदेशी लीग में खेलने की अनुमति मिलने के बाद ये 5 खिलाड़ी ले सकते हैं संन्यास
हार्दिक पांड्या
भारतीय टीम के धाकड़ खिलाड़ी हार्दिक पांड्या का टी20 क्रिकेट में दबदबा देखने को मिल रहा है। वह भले ही बल्ले और गेंद से कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं लेकिन अपनी कप्तानी से उन्होंने फैंस को काफी प्रभावित किया है। आईपीएल में उनके नेतृत्व में गुजरात टाइटंस लगातार दो सीजन तक फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही। इसी वजह से वह टी20 भारतीय टीम के कप्तान बनने के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
हालांकि, कहा जा रहा है कि अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति दे देते हैं तो हार्दिक पांड्या टीम इंडिया से नाता तोड़ सकते हैं। टी20 इंटरनेशनल के 87 मैच खेलते हुए हार्दिक पांड्या ने 1271 रन बनाए हैं, जबकि 69 विकेट उनके नाम दर्ज हैं। इसके अलावा आईपीएल के 123 मुकाबलों में उन्होंने 2309 रन ठोके और 53 विकेट लिए।
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ईशान किशन
पिछले साल दोहरे शतक जड़ने वाले युवा सलामी बल्लेबाज ईशान किशन इस समय आउट ऑफ फ़ॉर्म नजर आ रहे हैं। बीते समय में उनके बल्ले से कई निराशाजनक पारियां देखने को मिली हैं। आईपीएल 2023 में भी वह कुछ खास नहीं कर सके।
इसी वजह से वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 फाइनल का हिस्सा होने के बावजूद वह प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हो पाए हैं। लिहाजा, अगर भारतीय खिलाड़ियों के लिए विदेशी लीग के दरवाजे खुल जाते हैं तो वह टीम इंडिया का साथ छोड़ सकते हैं। ईशान किशन का आईपीएल करियर शानदार रहा है। उन्होंने 91 मैच में 2324 रन ठोके हैं।
संजू सैमसन
युवा विकेटकीपर-बबल्लेबाज संजू सैमसन भारतीय टीम के उन बदकिस्मत खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें टीम इंडिया सिलेक्टर्स लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं। ऋषभ पंत, ईशान किशन और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों की वजह से वह टीम में जगह नहीं बना पा रहे हैं।
आईपीएल के मंच पर खुद को साबित करने के बाद भी उन्हें टीम में शामिल नहीं किया जा रहा है। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि संजू सैमसन जल्द ही संन्यास का ऐलान कर सकते हैं। जिसके बाद वह विदेशी लीग का रुख अपना लेंगे। उन्होंने आईपीएल के 152 मुकाबले खेले हैं। जिसमें उनके बल्ले से 3888 रन निकले हैं। इसमें उन्होंने तीन शतक भी जड़े हैं।
पृथ्वी शॉ
अंडर-19 भारतीय टीम को विश्व कप जिताने वाले पृथ्वी शॉ के लिए राष्ट्रीय टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। एक समय में सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ कंपेयर होने वाले इस खिलाड़ी को आज भारतीय चयनकर्ता लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं। पृथ्वी शॉ को भारत के लिए आखिरी बार 2021 में खेलते हुए देखा गया था। लेकिन इसके बाद उनका टीम से पत्ता लगभग कट गया।
उनकी जगह अन्य खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जा रहा है। यही कारण भी है कि वह इंग्लैंड की काउंटी चैंपियनशिप का हिस्सा बनने जा रहे हैं। दलीप ट्रॉफी 2023 के बाद वह काउंटी क्रिकेट खेल सकते हैं। पृथ्वी शॉ का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर ज्यादा बड़ा नहीं रहा है। उन्होंने अब तक पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 मैच ही खेले हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्मुक्त चंद की तरह पृथ्वी शॉ भी भारतीय टीम को छोड़कर दूसरे देश के लिए खेल सकते हैं।
मनीष पांडे
IPL के इतिहास में मनीष पांडे का प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा है। उन्होंने भारतीय टी20 लीग में अपनी दमदार बल्लेबाजी से सबको काफी प्रभावित किया है। मनीष आईपीएल के इतिहास में सबसे पहले शतक जड़ने वाले भारतीय खिलाड़ी है। एक समय में विराट कोहली से कंपेयर किए जाने वाले इस खिलाड़ी ने आईपीएल के अबतक 160 मैचों में 3648 रन बनाए हैं।
लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में बल्लेबाज कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। साल 2015 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने के बाद उन्होंने 29 वनडे और 39 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलते हुए क्रमश: 566 और 709 रन बनाए हैं। इन आंकड़ों से मनीष पांडे ने फैंस और टीम प्रबंध को काफी निराश किया। जिसके चलते वे कभी भी टीम में अपनी जगह को मजबूत नहीं कर पाए। लेकिन अब वह विदेशी लीग के सहारे अपने क्रिकेट करियर को जिंदा रख सकते हैं।