टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सुर्खियों में बने हुए हैं। अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने रवि को लेकर बड़ा बयान दिया हैं। रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने हाल ही में अपने इंटरव्यू के दौरान कई सनसनी खेज खुलासे किये थे। जिसमें से उन्होंने विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने पर भी टिपण्णी की थी। इसी बीच संजय मांजरेकर का कहना है कि ऐसा लगता है रवि शास्त्री सब कुछ एक एजेंडा के तहत बोल रहे हैं।
Ravi Shastri समझदारी वाले कमेंट नहीं करते - संजय मांजरेकर
संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान कहा कि
"मैं रवि शास्त्री का बड़ा फैन था, मैं उनके अंडर खेल चुका हूं, वह खिलाड़ियों को सपोर्ट करते हैं, बढ़िया फाइटर, सीनियर। यह रवि शास्त्री 2.0 को मैं समझ नहीं पा रहा हूं। पब्लिक में जो वह कहते हैं, वह एक्सपेक्टेड होता है, मैं उस पर प्रतिक्रिया नहीं देता हूं। मैं डिसरिस्पेक्टफुल नहीं होना चाहता हूं। वह कोई बहुत समझदारी वाले कमेंट नहीं करते हैं। आप इसके पीछे का एजेंडा देख सकते हैं।"
विराट के कप्तानी छोड़ने पर Ravi Shastri का बयान
गौरतलब है कि 7 साल तक टीम इंडिया के कोच रहे रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने मौजूदा समय में भारतीय क्रिकेट में चल रहे प्रकरणों के बारे में खुल कर बात की है। जब उनसे विराट कोहली के अचानक टेस्ट की कप्तानी छोड़ने को लेकर सवाल पूछा गया तो रवि शास्त्री ने कहा कि
"विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने 68 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से 40 में टीम ने जीत दर्ज की है। विराट भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। बिल्कुल विराट कम से कम अगले दो साल तक टीम के कप्तान बने रह सकते थे। अगले दो साल में भारत को होम ग्राउंड पर काफी टेस्ट खेलने हैं, ऐसे में विराट की कप्तानी में 50-60 जीत हो सकती थीं, कई लोग हैं जो इस बात को पचा नहीं पा रहे।"
Ravi Shastri कर रहे हैं विराट कोहली का बचाव
इसके अलावा इंडियन टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) लगातार विराट कोहली का बचाव करते नजर आ रहे हैं। विराट कोहली की कप्तानी में ICC टूर्नामेंट ना जीतने के सवाल पर रवि शास्त्री का कहना है कि
"हमारे पास कितने वर्ल्ड कप विजेता कप्तान हैं. सचिन तेंदुलकर ने छह वर्ल्ड कप खेलने के बाद जीता. आखिर में आपका आकलन आपके खेल और खेल के दूत के रूप में भूमिका से होता है. आपने कितनी ईमानदारी से खेला और कितने लंबे समय तक खेला. कई बड़े खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप नहीं जीता। इससे क्या हुआ. सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे। "