बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में तीसरे टेस्ट के बाद भारत के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। ब्रिसबेन टेस्ट का 5वां दिन खराब रोशनी और बारिश के कारण रद्द कर दिया गया। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविचंद्रन अश्विन और कप्तान रोहित शर्मा एक साथ मीडिया कर्मियों से बात करने आए। इसी दौरान अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की भी घोषणा की।
अश्विन के प्रदर्शन को भारतीय फैंस हमेशा याद रखेंगे, लेकिन उनके क्रिकेट करियर में यह 3 लम्हें हर किसी को याद रहेंगे। जब भी क्रिकेट प्रेमियों को ये तीन शानदार लम्हें याद आते हैं, तब-तब उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। चलिए आपको बताते हैं वह तीन यादगार लम्हें, जिसका हिस्सा रहें हैं रविचंद्रन अश्विन
चैंपियंस ट्रॉफी 2013 फाइनल ओवर
चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का आयोजन इंग्लैंड में किया गया था, जहां पर फाइनल में भारत और इंग्लैंड की टीम के बीच खिताबी मुकाबला खेला गया था। फाइनल में बारिश के कारण 50 ओवर के मैच को 20-20 ओवर का कर दिया गया था। इसमें भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 129 रन बनाए थे और इंग्लिश बल्लेबाजों को जीत के लिए 130 रन का लक्ष्य दिया था। रनों का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने 19 ओवर में 115 रन बना लिए थे, उस समय भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अंतिम ओवर फेंकने के लिए रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) को बुलाया।
भारत को खिताब जीतने के लिए अंतिम ओवर में 14 रन बचाने थे और यहां पर सारी जिम्मेदारी उस समय युवा अश्विन के कंधों पर थीं। फाइनल मुकाबले में अश्विन ने अपने प्रतिभा को दिखाते हुए इंग्लैंड को अंतिम ओवर में सिर्फ 9 रन बनाने दिए और इस तरह भारत ने यह मुकाबला 5 रन से अपने नाम कर लिया। आज भी अश्विन के इस फाइनल ओवर को फैंस याद करते हैं।
सिडनी टेस्ट ड्रॉ
जब-जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की बात होगी, तो उसमें सिडनी टेस्ट 2021 की चर्चा जरूर की जाएगी। हालांकि, यह मैच भारत ने जीता नहीं था, लेकिन यह सिडनी टेस्ट भारत के लिए किसी जीत से कम भी नहीं था। दरअसल, भारत को सिडनी टेस्ट जीतने के लिए 407 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन टीम इंडिया ने 272 पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे, सबको उम्मीद थी कि भारत यह मुकाबला आसानी से जीत लेगा, लेकिन अंतिम दिन हनुमा विहारी के पैर में खींचाव आ गया, जिसके बाद भारतीय टीम ने इस मैच को ड्रॉ के लिए खेला।
खास बात यह है कि इस मैच को ड्रॉ करवाने के लिए हनुमा विहारी ने 161 गेंदों का सामना किया तो वहीं रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने भी 128 गेंदें खेलीं। अश्विन की इस पारी की सबसे खास बात यह रही कि इनमें से अधिकांश गेंदें उनके शरीर पर जाकर लग रही थीं, इसके बावजूद वह क्रीज पर खड़े रहे और टेस्ट मैच को ड्रॉ करवाकर ही पवेलियन लौटे। सिडनी टेस्ट मैच के लिए आज भी अश्विन की बल्लेबाजी जमकर तारीफ की जाती है।
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टी20 वर्ल्ड कप 2022 में नवाज की गेंद छोड़ना
भारत-पाकिस्तान के बीच हर मैच हाई वोल्टेज रहता है। भारत और पाक सिर्फ आईसीसी इवेंट में आपस में भिड़ती नजर आती हैं। ऐसा ही टी20 वर्ल्ड कप 2022 में भी हुआ। इस मैच में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 159 रन बनाए थे। 160 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत एक समय पर 31 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद विराट कोहली और हार्दिक पांड्या ने मिलकर भारतीय पारी को संभाला हो भारत को जीत की दहलीज पर पहुंचाया।
इस मैच में पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हारिस रऊफ की गेंद पर विराट कोहली का सिक्स हर किसी को आज भी याद है, लेकिन इसी मैच में रविचंद्रन अश्विन का नवाज की गेंद छोड़ना भारतीय फैंस याद करते हैं। दरअसल, भारत को यह मुकाबला जीतने के लिए अंतिम गेंद पर दो रन की दरकार होती है और इस समय क्रीज पर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आते हैं। पारी की आखरी गेंद फेंक रहे नवाज वाइड फेंक देते हैं। इसमें खास यह था कि यह बॉल मिडिल-लेग पर स्टंप पर गिरी थी और अश्विन ने इसपर कोई शॉट नहीं खेला और यह लेग स्टंप के बाहर चली गई, जिसके बाद अंपायर ने इस बॉल को वाइड दे दिया।
अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने यहां पर अपनी चालाकी का उपयोग किया था। इसके बाद अंतिम गेंद पर अश्विन ने कवर के ऊपर से मारकर एक रन दौड़ लिया और भारत ने यह मुकाबला अश्विन की चतुराई से 4 विकेट से जीत लिया। मैच के बाद अश्विन ने इस गेंद के बारे में बात करते हुए कहा था कि अगर यह गेंद उनके पैड पर लग जाती तो वह ड्रेसिंग रूम में आते ही संन्यास ले लेते। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ और भारत ने यह रोमांचक मुकाबला चार विकेट से जीत लिया।
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