4,4,4,4,4,4,4,4..... रणजी ट्रॉफी में रजत पाटीदार ने गेंदबाजों का बनाया भर्ता, बिना छक्का लगाए इतनी गेंदों में बना डाली डबल सेंचुरी
Published - 17 Oct 2025, 02:43 PM | Updated - 17 Oct 2025, 02:44 PM

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इंदौर के एमरल्ड हाइट्स स्कूल मैदान पर रणजी ट्रॉफी 2025-26 के सीज़न में शुक्रवार का दिन पूरी तरह मध्य प्रदेश के कप्तान रजत पाटीदार (Rajat Patidar) के नाम रहा। दाएं हाथ के इस अनुभवी बल्लेबाज़ ने पंजाब के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने प्रथम श्रेणी करियर का पहला दोहरा शतक जड़ दिया।
खास बात यह रही कि पाटीदार ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि बिना कोई छक्का लगाए हासिल की, जो उनकी धैर्य, तकनीक और मैच पर नियंत्रण की कहानी खुद बयां करती है।
मुश्किल हालात में कप्तान की क्लासिक पारी
पंजाब की पहली पारी 232 रनों पर सिमटने के बाद जब मध्य प्रदेश की शुरुआत लड़खड़ाई, तब कप्तान रजत पाटीदार टीम के संकटमोचक बनकर उतरे। स्कोरबोर्ड पर सिर्फ 155 रन थे और चार विकेट गिर चुके थे। उस वक्त हालात पूरी तरह से पंजाब के पक्ष में नजर आ रहे थे, लेकिन पाटीदार ने एक बार फिर साबित किया कि क्यों उन्हें घरेलू क्रिकेट में सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में गिना जाता है।
उन्होंने पहले शुभम शर्मा (41 रन) और फिर वेंकटेश अय्यर (73 रन) के साथ ठोस साझेदारियां कीं। विशेष रूप से वेंकटेश अय्यर के साथ 147 रनों की साझेदारी ने मैच का रुख बदल दिया। दोनों बल्लेबाजों ने सूझबूझ के साथ खेलते हुए पंजाब के स्पिनरों की धार को खत्म कर दिया और टीम को संकट से बाहर निकाला।
प्रथम श्रेणी में Rajat Patidar ने लगया पहला दोहरा शतक
कप्तानी और फॉर्म दोनों में शानदार
रजत पाटीदार (Rajat Patidar) के लिए यह साल किसी सपने से कaम नहीं रहा। 2025 की शुरुआत में उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को आईपीएल इतिहास में पहली बार चैंपियन बनाया था। इसके बाद उन्होंने सेंट्रल ज़ोन की कप्तानी करते हुए टीम को दस साल बाद दलीप ट्रॉफी जिताई।
अब रणजी ट्रॉफी के पहले ही मैच में दोहरा शतक जड़कर उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने शानदार फॉर्म को जारी रखा है।पाटीदार की यह पारी केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं थी, बल्कि टीम के लिए भी निर्णायक साबित हुई। इस पारी की बदौलत मध्य प्रदेश ने पंजाब के खिलाफ पहली पारी में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली।
पंजाब के गेंदबाजों की मेहनत बेअसर
पंजाब की ओर से प्रेरित दत्ता और नमन धीर ने तीन-तीन विकेट झटके, लेकिन पाटीदार (Rajat Patidar) की रनों की मशीन को रोकने में दोनों नाकाम रहे। शुरुआती झटकों के बावजूद मध्य प्रदेश के बल्लेबाजों ने कप्तान की अगुवाई में टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
दूसरे छोर से सारांश जैन और वेंकटेश अय्यर ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। जहां अय्यर ने आक्रामक लेकिन संतुलित बल्लेबाज़ी की, वहीं सारांश जैन ने कप्तान के साथ साझेदारी निभाकर टीम को और मजबूती दी।
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