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R Ashwin: भारतीय दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन (R Ashwin) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है, लेकिन वह अपने यू ट्यूब चैनल के जरिए कई बड़े खुलासे करते रहते हैं। इसी बीच उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 को लेकर भी किया है।
आर अश्विन ने एक खिलाड़ी का नाम लेते हुए कहा कि अगर वह सीरीज में नहीं खेलता तो यकीनन हम मुकाबला जीत जाते। बता दें कि भारत को 5 टेस्ट की सीरीज 1-3 से गंवानी पड़ी थी। जबकि ब्रिसबेन टेस्ट खत्म होने के बाद अचानक रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया था। इसके बाद वह अगले ही दिन स्वदेश लौट आए थे।
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पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर आर अश्विन (R Ashwin) ने अपने यू ट्यूब चैनल पर कहा कि पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने संघर्ष कर रहे थे। ऑस्ट्रेलिया भाग्यशाली रहा कि स्कॉट बोलैंड सही समय पर टीम में आए। अगर पूरी सीरीज में बोलैंड नहीं खेलते तो यकीनन भारत इस सीरीज को जीत सकता था।
अश्विन (R Ashwin) ने कहा कि वह जोश हेजलवुड को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि वह एक शानदार गेंदबाज हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम पूरी सीरीज में इसी गेंदबाजी आक्रमण के साथ खेलती तो भारत सीरीज जीत सकता था। बोलैंड ने पूरी सीरीज में बाएं हाथ के बल्लेबाजों को राउंड द विकेट गेंदबाजी करने काफी परेशान किया, जो इस सीरीज में एक निर्णायक पल था।
सीरीज में बोलैंड का जलवा
स्कॉट बोलैंड की घातक गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते दिखाई दिए। बोलैंड पहला टेस्ट नहीं खेले थे, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 295 रन के बड़े अंतर से गंवा दिया था, लेकिन हेजलवुड के चोटिल होने के बाद बोलैंड को एडिलेड में खेलने का मौका मिला और इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से जीता।
इसके बाद ब्रिसबेन में भी बोलैंड को बाहर कर दिया गया, जो कि मुकाबलै ड्रॉ पर जाकर खत्म हुआ था। लेकिन इस बाद मेलबर्न और सिडनी में बोलैंड खेलते नजर आए। इस सीरीज में बोलैंड ने कंगारू टीम के लिए कुल 3 टेस्ट की 6 पारियों में 21 विकेट झटके थे। उन्होंने 13.19 की शानदार औसत के साथ विकेट चटकाए थे। जबकि बुमराह ने 13.06 की औसत के साथ कंगारू बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था।
सीरीज जीत से मिला ऑस्ट्रेलिया को फायदा
ओपनिंग मुकाबला 295 रन से गंवाने के बाद पैट कमिंस की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने काफी दमदार वापसी की और पूरी सीरीज में अपना दबदबा कायम रखा। 2014-15 के बाद पहली बार भारत को बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। यह शिकस्त भारत को इतनी भारी पड़ी कि टीम इंडिया का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलने का सपना भी चकनाचूर हो गया।
भारत को फाइनल खेलने के लिए मेलबर्न और सिडनी में जीत की दरकार थी, लेकिन बोलैंड के कहर के सामने भारतीय बल्लेबाजों की एक न चली और भारत सीरीज को 1-3 से हार गया और साथ ही उसका फाइनल खेलने का सपना भी मात्र सपना बनकर रह गया। बता दें कि जून में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताबी मुकाबला साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा।
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