Prithvi Shaw: मुंबई और शेष भारत की टीम ईरानी कप में आमने-सामने हैं। इस मैच में सरफराज खान अभिमन्यु ईश्वरन और ध्रुव जुरेल के बाद पृथ्वी शॉ ने शानदार पारी खेल लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। पिछले 4 सालों से टीम इंडिया से बाहर चल रहे इस युवा बल्लेबाज ने ईरानी कप 2024 में धुंआधार बल्लेबाजी करते हुए तूफानी अर्धशतक जड़ा है। उन्होंने 103 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। कैसी रही उनकी ये पारी आइये जानते हैं।
Prithvi Shaw ने खेली अर्धशतकीय पारी
दरअसल, मुंबई ने पहली पारी में 537 रनों की पारी खेली थी। जवाब में शेष भारत की टीम सिर्फ 416 रन ही बना पाई। यानी पहली पारी की बदौलत मुंबई की टीम ने 121 रनों की बढ़त हासिल की। फिर दूसरी पारी में अजिंक्य रहाणे की टीम बल्लेबाजी करने उतरी। टीम के सलामी बल्लेबाज आयुष म्हात्रे जल्दी पवेलियन लौट गए। उसके बाद हार्दिक तोमर भी क्रीज पर ज्यादा देर तक नहीं टिक सके। लेकिन पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) मैदान में डटकर बल्लेबाजी करते नजर आए। वह न सिर्फ डटकर बल्लेबाजी करते रहे बल्कि तेजी से रन बनाने में भी मदद की।
अर्धशतकीय पारी से बढ़ेगा शॉ का आत्मविश्वास
फिलहाल पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) 70 रन पर खेल रहे हैं, इस दौरान उनके बल्ले से 8 चौके और 1 छक्का भी निकला है। शॉ जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे हैं उसे देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि ईरानी कप में हमें एक और शतक देखने को मिलने वाला है। आपको बता दें कि शॉ ने पहली पारी में खास प्रदर्शन किया था। उन्होंने पहली पारी में 4 रन बनाए थे।
दूसरी पारी में बनाए गए रन उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करेंगे। आपको बता दें कि ईरानी कप से पहले शॉ इंग्लैंड की धरती पर काउंटी में खेल रहे थे। लेकिन वहां उनका प्रदर्शन खराब रहा था। लेकिन शेष भारत के खिलाफ उनके प्रदर्शन से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
शॉ की टीम इंडिया में वापसी मुश्किल
बता दें कि पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं। उनकी टीम इंडिया में वापसी मुश्किल है। लेकिन नामुमकिन नहीं। सबसे पहले शॉ को मिल रहे मौकों का फायदा उठाना होगा। साथ ही उन्हें अच्छा प्रदर्शन कर चयनकर्ताओं के सामने अपनी दावेदारी पेश करनी होगी।
ताकि चयनकर्ता उनके बारे में सोच सकें। बता दें कि भारत के पास सलामी बल्लेबाज के तौर पर शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। ऐसे में इन दोनों के साथ शॉ को मौका मिलना मुश्किल है। लेकिन उन्हें तीसरे सलामी बल्लेबाज के तौर पर अपनी दावेदारी पेश करनी चाहिए।
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