पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के कुछ पूर्व दिग्गज खिलाड़ी लगातार अपने बयानों के चलते इन दिनों चर्चा बटोर रहे हैं. इसी बीच अब टीम के पूर्व कप्तान रह चुके रमीज राजा ने चयनकर्ताओं को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. उन्होंने पूरे क्रिकेट बोर्ड में नाराजगी दिखाई है. साथ ही महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर के नाम का इस्तेमाल करते हुए युवा क्रिकेटरों को लेकर बड़ी बात कह दी है.
रमीज राजा ने जाहिर की चिंता
पाकिस्तान (Pakistan) टीम के पूर्व खिलाड़ी का मानना है कि, अब युवा खिलाड़ियों को भी मौका दिया जाना चाहिए. उनका कहना है कि धोनी और सचिन जैसी क्षमता रखने वाले दिग्गज खिलाड़ी टीम के पास तो नहीं हैं. लेकिन, उनसे कम काबिलियत रखने वालों को तो कम से कम मौका दिया जाना चाहिए. इस बारे में बात करते हुए रमीज राजा ने कहा कि,
"अगर आप इन नए युवा खिलाड़ियों के होते हुए विरोधी टीम के सामने हार भी जाते हैं, तो कम से कम एक उम्मीद की किरण तो होगी. जिससे इस बारे में पता चल सकेगा कि, कौन सा खिलाड़ी कितनी काबिलियत रखता है और वो कौन से क्रिकेटर हैं जिनमें खेलने की क्षमता नहीं है. आप आगे बढ़ सकते हैं और दूसरे खिलाड़ियों को आजमा सकते हैं. क्योंकि पुराने खिलाड़ी हैं जिन्हे ये पता है टीम में वो कितना महत्व रखता हैं."
हमारे पास सचिन-धोनी जैसे खिलाड़ी नहीं
आगे बात करते हुए पाकिस्तान टीम के पूर्व कप्तान ने कहा कि,
"हमारे पास उस क्षमता के खिलाड़ी नहीं है. उदारहण के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी और सचिन तेंदुलकर उनके 50 प्रतिशत होते फिर भी वो टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित होते. लेकिन, इस वजह से कि हम मैच गंवा देंगे और जीत दर्ज करने की जद्दोजहद में हम अपने पूरे सिस्टम को ही बर्बाद करते जा रहे हैं."
इसके साथ उन्होंने ये बात भी स्वीकार की कि, बड़ी टीमों के खिलाफ युवाओं को मौका देना मुश्किल से कम नहीं है. लेकिन जिम्बाब्वे जैसी टीमों के खिलाफ यह चांस लिया जा सकता था. इस दौरे पर जाने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) टीम में नए खिलाड़ियों को जगह देनी चाहिए थी. क्योंकि अगर इस दौरे पर उन्हें शिकस्त का भी सामने करना पड़ता तो इस पर कोई भी सवाल नहीं खड़े करता.
जिम्बाब्वे दौरे पर आजमाने की कोशिश की जा सकती थी
इसी सिलसिले में बात को आगे बढ़ाते हुए रमीज राजा ने कहा कि,
"नए खिलाड़ियों के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करें. इससे आपको एक सही रास्ते का अंदाजा तो होगा. जिम्बाब्वे के खिलाफ यदि आपने युवा खिलाड़ियों को आजमाने की कोशिश की होती और हार भी जाते तब भी आपसे कोई किसी भी तरह की शिकायत नहीं करता.
यह पाकिस्तान (Pakistan) टीम के लिए एक अभ्यास वादा टूर साबित होता. ऐसे चांस बहुत कम पाले में आते हैं जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीम को जोखिम उठाने का मौका मिलता है."