भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मुरली कार्तिक (Murli Karthik) अचानक से अपने एक बयान के चलते सुर्खियों में आ गए हैं. उन्होंने युवा भारतीय स्पिनरों (Indian Spinners) को लेकर बड़ी बात कह दी है. टीम इंडिया की तरफ से सभी फॉर्मेट में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाने वाले पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने आखिर किस बात को लेकर चिंता जाहिर की है. जानते हैं इस खास रिपोर्ट के जरिए....
मौजूदा समय में स्पिनरों की तकनीकि में आ रही गिरावट
मुरली कार्तिक (Murli Karthik) का कहना है कि, घरेलू सर्किट में भारतीय स्पिनरों की गुणवत्ता में काफी ज्यादा कमी आई है. उनका कहना है कि, वो भाग्यशाली हैं कि उन्हें उस दौर में खेलने का मौका मिला, जब स्पिन भारतीय टीम की ताकत होती थी. उस दौर में बिशन सिंह बेदी ने उन्हें स्पिन से संबंधित कई तकनीकि से अवगत कराया था. इसके अलावा वनडे मैचों में भी स्लिप और सिली पॉइंट के साथ आक्रमण करने के लिए मजबूर किया.
दरअसल पूर्व क्रिकेटर का मानना है कि, घरेलू क्रिकेट में भारतीय स्पिन गेंदबाजों की तकनीकि पहले के मुकाबले बेहद खराब होती जा रही है. जिस वक्त वो भारत के लिए खेल रहे थे उस वक्त टीम का हिस्सा महान स्पिनर अनिल कुंबले और अनुभवी स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह जैसे बॉलर थे. इस बारे में उन्होंने बात करते हुए कहा कि, कुछ स्पिनरों को छोड़ दिया जाए तो, घरेलू क्रिकेट में युवा खिलाड़ियों के पास रेड बॉल क्रिकेट में नाम बनाने के लिए स्पिन बॉलिंग वाले खिलाड़ी नहीं है.
रेड गेंद में नाम बनाने के लिए स्पिनर करें प्रयास
कार्तिक मुरली (Murli Karthik) ने अपने बयान के जरिए युवा स्पिनरों को सीमित ओवरों के फॉर्मेट में कामयाबी हासिल करने के बजाय रेड गेंद वाले क्रिकेट को महत्व देने की सलाह दी है. इस बारे में 'द लास्ट विकेट पॉडकास्ट' पर बातचीत करते हुए मुरली कार्तिक ने अपने बयान में कहा कि,
''तकनीकि बदल गई हैं और इसके साथ ही क्वालिटी में भी काफी ज्यादा कमी देखने को मिली है. ऐसे में यदि आप मुझसे पूछें कि क्या हमारे पास उस तरह के स्पिनर हैं. तो मैं कहूंगा नहीं, स्पिन का लेवल नीचे गिरता जा रहा है. कई पूर्व स्पिनर जो हमें किसी समय खेलते देखा करते थे, वो अब अपनी कब्र से कह रह होंगे- क्या गेंदबाज हैं ये? भयानक गेंदबाज!''
ऐसा रहा कार्तिक मुरली का करियर
बात करें टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाजी मुरली कार्तिक (Murli Karthik) की, तो उन्होंने भारतीय टीन की ओर से 8 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें 2.54 की इकोनॉमी रेट से गेंदबाजी करते हुए कुल 24 विकेट चटकाए हैं. वहीं 37 वनडे मैचों में 5.07 की इकोनॉमी से गेंदबाजी करते हुए कुल 37 विकेट झटके हैं. जबकि टी20 फॉर्मेट में उन्हें सिर्फ 1 ही मुकाबले में टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला है. जिसमें एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ है. फिलहाल मौजूदा समय में कमेंट्री का भी योगदान है.