Duleep Trophy: दिलीप ट्रॉफी 2024 में इंडिया ए और इंडिया सी के बीच मुकाबले में इंडिया ए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए इंडिया सी को हरा दिया और दिलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) अपने नाम कर ली है। आंद्र प्रदेश के अनंतपुर में खेले गए इस मुकाबले में इंडिया ए की टीम शुरूआत से ही हावी रही और अंत में 132 रनों से जीत हासिल कर ट्रॉफी पर कब्जा किया।
इंडिया सी के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसाल किया औऱ इंडिया ए को 297 रनों पर समेट दिया। इसके जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी इंडिया सी की टीम 234 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में इंडिया ए ने 286 रन पर पारी गोषित कर दी और इंडिया सी के सामने 350 रनों का लक्ष्य रखा। इंडिया सी इस लक्ष्य का पीछा करने में सफल नहीं हो पाई और सिर्फ 217 रन बनाकर ऑल आउट हो गई।
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Duleep Trophy: फ्लॉप हुई इंडिया सी की बल्लेबाजी
दिलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) के इस मुकाबले में ऋतुराज गायकवाड़ की टीम इंडिया सी की बल्लेबाजी की बात करें तो इस मैच में बुरी तरह से फ्लॉप रही, जिसके कारण टीम को हार का मुंह देखना पड़ा है। पहली पारी में अभिषेक पोरेल के 82 रनों को छोड़ दें तो कोई भी बल्लेबाज रंग में नजर नहीं आया। इसके बाद दूसरी पारी में कप्तान ऋतुराज ने 44 रन बनाए तो वहीं साई सुदर्शन ने शतक लगाया। उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज 20 रन से ज्यादा नहीं बना पाया। इसी के चलते 350 रन के लक्षय का पीछा करने उतरी इंडिया सी की टीम मजह 217 रन ही बना पाई।
Duleep Trophy: रंग में दिखे शाशवत रावत
इंडिया सी के खिलाफ इंडिया ए की इस जीत में शाशवत रावत ने अहम योगदान निभाया है। पहली पारी में उनके शतक की बदौलत ही टीम 297 रनों के स्कोर तक पहुंच पाई। पहली पारी में इंडिया ए की तरफ से उनके अलावा केवल एक ही बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक पहुंच पाया। इसके बाद दूसरी पारी में भी उन्होंने अर्धशतक जड़ा और रियान पराग के साथ अहम साझेदारी भी की। रियान पराग ने दूसरी पारी में 101 गेंदों मे 73 रनों की शानदार पारी खेली।
Duleep Trophy पर हुआ इंडिया ए का कब्जा
चार टीमों के बीच हुई इस बार की दिलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) पर मयंक अग्रवाल की टीम इंडिया ए ने कब्जा किया है। पूरे टूर्नामेंट में इंडिया ए की टीम ने शानदार खेल दिखाया और बाकि सभी टीमों को पीछे छोड़ते हुए खिताब पर कब्जा किया। इंडिया सी के पास खिताब जीतने का मौका था लेकिन खराब बल्लेबाजी का खामियाजा भुगतते हुए उसे खिताब नहीं मिल पाया।