35 वर्षीय भारतीय बल्लेबाज मनीष पांडे (Manish Pandey) को पिछले तीन सालों से टीम इंडिया में जगह नहीं मिली है। वापसी के लिए वह घरेलू क्रिकेट खेलकर लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके बावजूद भारतीय चयनकर्ताओं ने उन्हें मौका देने में कोई रुचि नहीं दिखाई। दाएं हाथ के बल्लेबाज मनीष पांडे (Manish Pandey) का घरेलू क्रिकेट करियर शानदार रहा है। इस स्तर पर तूफ़ानी बल्लेबाजी कर वह फैंस के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहे। इस बीच उन्होंने 33 गेंदों में 136 रन जड़कर सनसनी मचा दी।
मनीष पांडे ने खेली तूफ़ानी पारी
भारतीय बल्लेबाज मनीष पांडे (Manish Pandey) का घरेलू क्रिकेट करियर शानदार रहा है। फर्स्ट क्लास, लिस्ट ए और टी20 में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाने के बाद उनकी टीम इंडिया में एंट्री हुई। हालांकि, इस दौरान वह अपनी काबिलियत साबित करने में नाकाम रहे। वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय दोनों में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हालांकि, फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मनीष पांडे ने कई यादगार पारियां खेली है। इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी 2017-18 में देखने को मिला था।
33 गेंदों में बनाए 136 रन
17 से 20 नवंबर तक कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के बीच खेले गए रणजी ट्रॉफी मैच में मनीष पांडे (Manish Pandey) ने विस्फोटक पारी खेलकर गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई। अपनी इस पारी में उन्होंने 31 चौके और दो छक्के जमाए। इस तरफ उनके बल्ले से 33 गेंदों में 136 रन निकले। हालांकि, मैच में दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 301 गेंदों का सामना करते हुए 238 रन बनाए। उन्होंने कुल 403 मिनट तक क्रीज पर खड़े रहकर बल्लेबाजी की। यह मनीष पांडे के फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर का बेस्ट स्कोर रहा।
मैच करवाया ड्रॉ
गौरतलब है कि मनीष पांडे (Manish Pandey) के दोहरे शतक की मदद से कर्नाटक ने पहली पारी में 655 रन का स्कोर हासिल किया। जवाब में उत्तर प्रदेश टीम पारी 331 रनों पर सिमट गई। इसके बाद जब कर्नाटक बल्लेबाजी के लिए आई तो उसने 59 ओवर में बिना कोई विकेट खोए 262 रन बना दिए। हालांकि, वह अपनी पारी पूरी नहीं कर सकी और मैच ड्रा हो गया। इसी के साथ बताते हुए चले कि मनीष पांडे ने भारत के लिए अपना आखिरी मुकाबला 2021 में खेला था। 29 वनडे मैच में उनके नाम 566 रन दर्ज हैं। जबकि 39 टी20 में उन्होंने 709 रन बनाए हैं।
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