भारतीय चयनकर्ताओं ने इंग्लैंड दौरे के लिए भारत की 20 सदस्यीय टीम का चुनाव किया। इस टीम में जिस नाम के ना होने पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वह है चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav)। स्पिन गेंदबाज को पिछले कुछ वक्त से पर्याप्त मौके नहीं मिले और अब उन्हें स्क्वाड से भी बाहर कर दिया गया है। इसके बाद अब पहली बार कुलदीप ने अपने ड्रॉप होने को लेकर बयान दिया है।
बाहर बैठने से कॉन्फिडेंस होता है कम
चाइनामैन स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला, जहां उन्होंने 3 विकेट भी चटकाए थे। इसके बाद वह एकदिवसीय सीरीज में प्लेइंग इलेवन में चुने गए और उनकी पिटाई हुई, मगर वह विकेट नहीं निकाल सके। अब टीम से ड्रॉप होने के बाद यकीनन वह काफी उदास हैं। Kuldeep yadav ने न्यूज 18 से बातचीत करते हुए कहा,
"जब आप लगातार खेलते हो तो खिलाड़ी को काफी कॉन्फिडेंट फील होता है। जो जितना बाहर बैठता है उतना ही मुश्किल होता जाता है। जब मैंने इंग्लैंड के खिलाफ फरवरी में चेन्नई टेस्ट खेला था तब मैं काफी दबाव में था। कोरोना की वजह से पिछले एक साल से कुछ भी नहीं हो रहा था, ऐसे में चीजें और मुश्किल हो गई थी।"
बेंच पर और नहीं बैठना चाहते Kuldeep Yadav
कुलदीप यादव को आईपीएल 2021 में भी एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। इसके चलते अब खिलाड़ी का आत्मविश्वास पर चोट पहुंची है। Kuldeep ने आगे कहा,
"कभी कभी मुझे लगता था कि ये क्या हो रहा है। वो बेहद मुश्किल समय था। कभी दिमाग कहता था कि अब तुम वो कुलदीप नहीं रहे। कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आपको लगता है कि पानी देना और बेंच पर बैठना बेस्ट है लेकिन फिर कुछ दिन ऐसे होते हैं जब आप उस जगह नहीं रहना चाहते।"
खलती है धोनी की कमी
महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक रहे। माना जाता है कि पिच को पढ़ने की क्षमता उनमें दूसरी की तुलना में अधिक है। ऐसे में जब वह विकेट के पीछे खड़े होते, तो अपने गेंदबाजों की काफी मदद करते थे। फिलहाल वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में कुलदीप को उनकी कमी खलती है। Kuldeep Yadav ने आगे कहा,
"कभी-कभी मुझे एमएस धोनी के गाइडेंस की कमी काफी खलती है क्योंकि उनके पास काफी अनुभव था। वो हमें विकेटों के पीछे से गाइड करते रहते थे और लगातार चीजें बताते रहते थे। हमें उनके अनुभव की कमी खल रही है। अब ऋषभ पंत विकेटकीपिंग करते हैं। जितना ज्यादा वो खेलेंगे उतना ज्यादा इनपुट भविष्य में दे पाएंगे। मेरा हमेशा से यही मानना रहा है कि हर गेंदबाज को एक पार्टनर चाहिए होता है जो दूसरे छोर से भी बेहतरीन रिस्पॉन्स करे।"