भारतीय क्रिकेट टीम को न्यूजीलैंड के हाथों विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही भारत का ट्रॉफी जीतने का ख्वाब टूट गया। वहीं Kane Williamson की टीम ने लाजवाब प्रदर्शन करते हुए 21 साल बाद खिताबी जीत दर्ज की। फाइनल मैच के बाद विराट और विलियमसन की गले मिलने वाली एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही थी।
हम दोनों हैं अच्छे दोस्त
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और Kane Williamson 2008 से एक-दूसरे के आमने-सामने खेल रहे हैं। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मैदान पर अपोनेंट होने के अलावा वह काफी अच्छे दोस्त भी हैं। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में मिली हार के बाद विराट और Kane Williamson की गले मिलते हुए एक तस्वीर काफी वायरल हो रही थी, जिसे फैंस ने भी काफी पसंद किया था। अब 'इंडिया टुडे' के साथ बातचीत करते हुए विलियमसन ने कहा,
'मैं और विराट एक दूसरे को काफी समय से जानते हैं और हम दोनों अच्छे दोस्त हैं। यह स्पोर्ट्स का हमेशा ही सबसे अच्छा पार्ट रहता है कि आपको विश्व के कई लोगों से मिलने और दोस्ती करने का मौका मिलता है।'
Kane Williamson ने की भारतीय टीम की तारीफ
भारतीय क्रिकेट टीम को WTC फाइनल में मिली हार के बाद काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर टीम इंडिया व विराट कोहली को ट्रोल किया गया। लेकिन अब विलियमसन ने आगे टीम इंडिया की तारीफ की है और उनकी ताकत पर चर्चा की है। इसपर उन्होंने कहा,
"यह (एक मैच का फाइनल) उत्साह प्रदान करता है। लेकिन यह वास्तव में पूरी तस्वीर कभी नहीं बताता। हम जानते हैं कि यह भारतीय टीम एक मजबूत टीम है। यह एक महान टीम है और हमें इस मैच में जीत हासिल करने पर गर्व है, लेकिन यह इस तथ्य को नहीं बताता कि वे कितने मजबूत हैं और उनमें क्या कौशल हैं। इसमें कोई शक नहीं कि वे बहुत मैचों में जीत दर्ज करेंगे। आप उनकी ताकत के बारे में जानते हैं। उनके पास ऐसा पेस बॉलिंग अटैक है जो दुनिया में बेस्ट है, स्पिन गेंदबाज अविश्वसनीय है और बल्लेबाजी का जिक्र करने की आवश्यकता नहीं है।"
विलियमसन ने भारतीय खिलाड़ियों को बताया खेल का दूत
विलियमसन ने भारतीय खिलाड़ियों को खेल का महान दूत करार देते हुए कहा कि उनके दर्शकों में नेशनल टीम के लिए जिस तरह का जुनून है, वह उन्हें पसंद है। Kane Williamson ने आगे कहा,
"वह देश खेल के लिए ऐसी भावना लाते हैं कि हम सभी भारत की सराहना कर सकते हैं। उनके जुनून का प्राइज भी मिलता है। वे (खिलाड़ी) खुद को खेल के दूत के रूप में रखते हैं। हर नतीजे की उम्मीद करना सच्चाई थी और हम जितना कर सकते थे उतना करने की कोशिश कर रहे थे। हम पिछले कुछ दिनों से कुछ भी अलग नहीं कर रहे थे है और सिर्फ यह देखना चाहते थे मौके मिलने पर खेल का क्या रूख होता है।"