दुनिया का हर खिलाड़ी अपने डेब्यू मैच को हर हाल में याद रखना चाहता है, लेकिन कुछ डेब्यू मैच ऐसे होते है, जिन्हें सामान्य ज्ञान का हिस्सा बनाया जाता है। इसी तरह अगर मैं आपसे कहूं कि भारत का वो कौन-सा खिलाड़ी है। जिसने सबसे कम उम्र में अपना डेब्यू मैच खेला तो, आपके जहन में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का नाम आएंगा या फिर आप पाकिस्तानी खिलाड़ी मुश्ताक मोहम्मद का नाम ले सकते हैं।
लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी जिसने सबसे कम उम्र में भारत लिए के फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया लेकिन बाद में पूरी उम्र पाकिस्तान के लिए खेला। जी हां यह सच है, इसीलिए तो क्रिकेट का इतिहास कमाल के किस्सों से भरा पड़ा है। इस क्रिकेटर की कहानी भी उतनी ही कमाल की है, जिन्होंने मात्र 12 साल की उम्र में अपना डेब्यू मैच खेला। लेकिन इस तरह का इतिहास बहुत कम ही लोगों को पता होता है, और आज हम इतिहास के इसी रोचक किस्से को बताएंगे।
मात्र 12 साल की उम्र में किया था डेब्यू
बहुत बार इतिहास लिखते हुए भूमिका खीचनी पड़ती है, लेकिन उन लोगों के इतिहास की भूमिका थोड़ी बड़ी हो जाती है, जो दुनिया में एक ही बार हुआ होता है। ऐसा ही हुआ था आज ही तारीख 26 फरवरी साल 1943 में, जब अलीमुद्दीन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मात्र 12 साल की उम्र में डेब्यू किया था, और इतिहास के पन्ने पर पत्थर की लकीर खींच दी थी।
भारत में घरेलू फर्स्ट क्रिकेट का आगज साल 1934 में हुआ था। इसके ठीक 9 साल बाद ही अलीमुद्दीन ने साल 1943 में राजपूताना की ओर से, बड़ौदा के खिलाफ पहला मैच खेला था। इस मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने मात्र 13 रन बनाए, लेकिन इसके बावजूद यह राजपूताना के किसी भी खिलाड़ी का टॉप स्कोर था। जितना रोचक उनके मैच डेब्यू का किस्सा है उतना ही रोचक इस पूरे मैच का किस्सा भी है।
राजपूताना के लिए खेला पहला मैच
तारीख थी 26 फरवरी 1943, और रणजी ट्रॉफी के मैच में आमने-सामने थे बड़ौदा और राजपूताना। बड़ौदा की टीम में दिग्गज खिलाड़ियों की लाईन लगी थी। लेकिन राजपूताना की टीम में ज्यादा बड़े नाम के खिलाड़ी नही थे, और जो खिलाड़ी थे भी उनमें से एक बेहद मासूम सा छोटा बच्चा अलीमुद्दीन था जो मात्र 12 साल 73 दिन के थे। इतनी सी ही उम्र में अलीमुद्दी ने सबसे युवा फर्स्ट क्लास क्रिकेटर बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
15 दिसंबर 1930 को राजस्थान के अजमेर में जन्में अलीमुद्दीन का जलवा यही खत्म नहीं हुआ, अलीमुद्दीन ने इस मैच में अपनी टीम के सर्वोच्च स्कोरर भी बने। अब बड़ों के मैच में 12 साल के बच्चे से कोई किया ही उम्मीद करेंगा। लेकिन अलीमुद्दीन ने सिर्फ 13 रन बनाए, लेकिन ये पारी में राजपूताना की ओर से किसी भी खिलाड़ी का सबसे बड़ा स्कोर था, क्योंकि पूरी टीम सिर्फ 54 रनों पर रन पर ही ढेर हो गई थी।
महान खिलाड़ी विजय हजारे को किया आउट
इस मैच में बड़ौदा के बल्लेबाजों ने राजपूताना के गेंदबाजों को खूब पीटा और 543 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। लेकिन अलीमुद्दीन ने अपना जलवा बरकरार रखा, और गेंदबाजी में अपना योगदान दिया। इस मैच में उन्होंने 9 साल का लम्बा अनुभव रखने वाले और आगे जाकर भारत के दिग्गज क्रिकेटर का रुताबा अपने करने वाले खिलाड़ी, विजय हजारे को सिर्फ 28 रन पर आउट करके अपना शिकार बनाया।
भारत विभाजन में अलीमुद्दीन ने पाकिस्तान जाने का लिया फैसला
साल 1947 में जिस समय हमारे देश से अंग्रेजों की विदाई हो रही थी, उस समय हर तरफ खुशिया मनाई जा रही थी, लेकिन इसी समय एक मनहूस क्रतय भारत विभाजन भी हो रहा था। इसी भारत विभाजन में अलीमुद्दीन के परिवार ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया और अलीमुद्दीन भी उनके साथ पाकिस्तान चले गए।
भारत विभाजन के बाद अलीमुद्दीन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने के लिए 24 साल लम्बा इंतेजार किया, और पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। साल 1954 में इंग्लैंड के दौरे पर उन्होंने लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर डेब्यू किया। हालांकि, यहां उनकी शुरुआत अच्छी नही रही, और पहली पारी में 19 और दूसरी पारी में 0 पर आउट हो गए।
भारत के खिलाफ जड़ा पहला शतक
नियती देखिए, अलीमुद्दीन को पहली बड़ी सफलता भारत के ही खिलाफ मिली, साल 1955 में भारतीय टीम जब पाकिस्तान के दौरे पर गई। इस दौरे पर उन्होंने जबरदस्त खेल दिखाया। उन्होंने इस सीरीज में पहले 3 बार 50 का आंकड़ा पार किया। फिर कराची में आखिरकार अपने करियर का पहला शतक जड़ा, खास बात ये भी रही की ये कराची के नेशनल स्टेडियम में भी पहला शतक था, इस पारी में उन्होंने 103 रन बनाए।
अलीमुद्दीन ने अपने 9 साल लम्बें अंतरराष्ट्रीय करियर में 25 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 2 शतक और 7 अर्धशतको की बदौलत उन्होंने 1091 रन बनाए। 12 जुलाई, 2012 को 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।