3 कारण जिसके वजह से भारतीय चयनकर्तायों का जमकर उड़ाया जाता है मजाक, जानकर होगी हैरानी
Published - 04 May 2021, 03:49 AM

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भारतीय क्रिकेट पिछले कुछ समय से बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रही है। कोहली की कप्तानी और रवि शास्त्री की कोचिंग में भारतीय टीम ने कई बड़ी टीमों को हराया। लेकिन भारतीय टीम में खिलाड़ियों को मौका देने को लेकर भारतीय फैंस काफी खफा रहते है।
भारतीय टीम का जब भी चयन होता है तो भारतीय फैंस उस पर सवाल जरूर उठाते है। इसी क्रम में आज हम बात करेंगे की क्या भारतीय चयनकर्ता बड़े फैसले नहीं ले पाते हैं। हम तीन ऐसे बातों का जिक्र करेंगे, जिसमें लगेगा की भारतीय चयनकर्ता बड़े फैसले लेने में कमजोर है।
भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी
भारतीय टीम के चयनकर्ताओ ने पिछले कुछ समय में कई सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर किया। टीम से सुरेश रैना, गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग जैसे बड़े खिलाड़ियों को जिस तरह बाहर किया गया, वह क्रिकेट फैंस को को बिल्कुल पसंद नहीं आया।
भारतीय चयनकर्ताओ को क्रिकेटर्स को पहले स्पष्ट करना चाहिए था की अब टीम युवा खिलाड़ियों की तरफ देख रही है। साथ ही सीनियर खिलाड़ियों को फ़ेयरवेल नहीं मिलना भी यह दिखाता है की भारतीय टीम के चयनकर्ता बड़े फैसले नहीं ले पाते है।
अगर कोई खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए लंबे समय तक क्रिकेट खेलता है तो उसका यह हक है की फ़ेयरवेल मैच खेलते हुए अपने क्रिकेट को अलविदा कहे। जबकि फैंस भी हकदार है की अपने पसंदीदा खिलाड़ी को खेलते हुए देखे। चयनकर्ताओ के ऐसे रवैये के कारण भारतीय टीम के फैंस ने निराशा भी जताई।
कोच और कप्तान करते है मनमानी
जब भी भारतीय टीम का चयन होता ही तो कई बार ऐसा देखा जाता है की टीम में उन खिलाड़ियों को भी लगातार मौका दिया जाता है जो खराब फॉर्म में चल रहे होते है। ऐसा देखने के बाद साफ लगता है की यह खिलाड़ी कप्तान और कोच की वजह से टीम में आए है।
टीम के खिलाड़ियों में कई ऐसे खिलाड़ी होते है जिन्हे कोच और कप्तान अपने टीम का हिस्सा बनाना चाहते है। वहीं टीम से कभी-कभी शानदार फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों को बाहर भी कर दिया जाता है। वहीं खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को लगातार मौका मिलने पर सवाल उठते है।
युवा खिलाड़ियों को नहीं मिलती तवज्जो
भारतीय टीम के चयनकर्ताओ पर इसलिए भी सवाल उठते रहे है, क्योंकि जो खिलाड़ी टीम में जगह बनाने के हकदार है उन्हे मौका नहीं मिलता है। उदाहरण के तौर पर मुंबई इंडियंस के स्टार क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव को लगातार तीन आईपीएल सीजन से शानदार प्रदर्शन के बावजूद अभी तक मौका नहीं मिला।
वहीं दूसरे क्रिकेटर ईशान किशन भी टीम में जगह बनाने का इंतजार कर रहे है। भारतीय टीम के पास जब ईशान किशन जैसे खिलाड़ी मौजूद है तो टीम केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों पर क्यों भरोसा जता रही है, यह भी टीम के चयनकर्ताओ पर बड़ा सवाल है।
केएल राहुल से अब तक उतना अच्छा विकेटकीपिंग देखने को मिल रही है, लेकिन फिर भी भारतीय टीम में उन्हे लगातार विकेटकीपिंग करने के मौके मिल रहे है। अगर चयनकर्ता कड़े फैसले लेने वाले होते तो वह राहुल की जगह एक प्रोफेशनल विकेटकीपर के बारे में सोचते।