भारत-श्रीलंका (India vs Sri Lanka) के बीच खेले गए तीसरे मुकाबले में शिखर धवन की कप्तानी वाली टीम में एक साथ 6 बदलाव कर दिए गए. अंतिम मैच में 5 युवा खिलाड़ियों को डेब्यू करने का मौका दे दिया गया. लेकिन एक साथ किए ये सारे एक्पेरिमेंट धरे के धरे रह गए और टीम को जो हार मिली उससे लोगों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी की. भारतीय पारी के दौरान अचानक से पहले बारिश ने खलल डाला.
इसके बाद भारत (India) के बल्लेबाज निर्धारित किए गए पूरे ओवर भी नहीं खेल सके और सिर्फ 41.1 ओवर में पूरी टीम 225 रन पर डेर हो गई है. जिसके जवाब में उतरी लंकाई टीम में 227 (DLS) रन को 39 ओवर में हासिल करते हुए इस मुकाबले को 3 विकेट से जीत लिया. इस खास रिपोर्ट में हम उन तीन बड़ी गलतियों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसके कारण भारतीय टीम को तीसरा मुकाबला गंवाना पड़ा.
1. एकसाथ 6 बदलाव टीम पर पड़ा भारी
वनडे सीरीज पर 2-0 से अजेय बढ़त के साथ तीसरे मैच में टीम इंडिया कई बदलाव के साथ उतरी. 5 खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका दिया गया. तो वहीं संजू सैमसन को ईशान किशन की जगह उतारा गया था. डेब्यू करने वालों की लिस्ट में नीतीश राणा से लेकर कृष्णप्पा गौथम, नवदीप सैनी, राहुल चाहर, चेतन साकरिया थे.
जिस उद्देश्य से भारत (India) इस मुकाबले में 6 बदलाव के साथ उतरा था, उससे खिलाड़ी पूरी तरह भटके हुए नजर आए. जिसका नतीजा ये हुआ कि टीम को 3 विकेट से करारी शिकस्त का सामना कना पड़ा. कहीं ना कहीं मैनेजमेंट का एक साथ 6 बदलाव करने का फैसला उन्हीं पर भारी पड़ गया.
क्योंकि आधे दर्जन अनुभवी खिलाड़ियों को बेंच पर आराम करने के लिए बिठा दिया गया और मुकाबले की जिम्मेदारी गैरअनुभवी खिलाड़ियों पर डाल दिया गया. इसके परिणाम टीम को हारकर चुकाना पड़ा. एक साथ 6 बदलाव भारतीय मैनेजमेंट की सबसे बड़ी गलती थी. जिसके कारण अंतिम मैच में क्लीन स्वीप के मकसद पर पानी फिर गया.
2. मध्यक्रम में फेल रही बल्लेबाजी
दूसरी सबसे बड़ी गलती मध्यक्रम में बल्लेबाजों से हुई, जिस पर टीम इंडिया के खिलाड़ी खरे नहीं उतर सके. पहला नुकसान भारत (India) को महज 17 रन के अंदर लगा, जब कप्तान धवन 13 गेंद पर 11 रन बनाकर आउट हो गए. शॉ भी अर्धशतकीय पारी से फिर चूक गए. इसके बाद पूरी जिम्मेदारी मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर थी. लेकिन, ये जिम्मेदारी एक भी बल्लेबाज तरीके से नहीं निभा सका.
संजू सैमसन से एक बड़ी पारी की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन, शॉ के बाद वो भी 46 गेंद पर 46 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद मनीष पांडे से फैंस और टीम को खासा उम्मीद थी. लेकिन, वो भी 19 गेंद पर 11 रन बनाकर सस्ते में निपट गए और खुद को साबित करने से चूक गए. हालांकि इस दौरान सूर्यकुमार पर सभी की निगाहें टिकी थीं.
उन्होंने टीम को मुश्किल वक्त से निकालने की भी कोशिश की. लेकिन, रिव्यू के दौरान हुए अजीबो-गरीब वाकया के बाद मिले जीवनदार का इस्तेमाल वो सही से नहीं कर सके और अपनी पारी को बड़े स्कोर में तब्दील करने से चूक गए. पांड्या फिर से संघर्ष करते दिखे और सिर्फ 19 बनाकर पवेलियन लौट गए. मीडिल ऑर्डर तो पूरी तरह से फेल रहा और ताश के पत्ते की तरह युवाओं से सजी टीम ढह गई.
टीम इंडिया की खराब फील्डिंग
भारत (India) के हार का तीसरा सबसे बड़ा कारण फील्डिंग रही, जिससे कोई भी असहमति नहीं जता सकता. पूरे मैच में लगातार भारतीय खिलाड़ियों से गलती पर गलती हुई. जिसका नतीजा ये हुआ कि, श्रीलंकाई टीम अपना विकेट बचाने में कामयाब रही. आखिर के भी कुछ ओवरों में भी टीम इंडिया ने कई कैच छोड़े.
नीतीश राणा से उस वक्त बाउंड्री पर कैच छूटी जब भारतीय टीम को विकेट की सबसे ज्यादा तलाश थी. लेकिन उनकी एक गलती टीम पर भारी पड़ गई. इसके बाद पृथ्वी शॉ से भी आसान सी कैच छूट गई. जब लंका टीम जीत के लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी. यहां तक कि फील्डिंग के बादशाह कहे जाने वाले मनीष पांडे से भी एक कैच छूटी.
इतना ही नहीं पूरे मैच में खिलाड़ियों ने फील्डिंग के दौरान कई गलतियां की, जिसकी वजह से समय-समय पर मेजबान टीम को चौके और सिंगल-डबल मिलते रहे. खराब फील्डिंग का खामियाजा भारतीय टीम को हार के रूप में चुकाना पड़ा.