अगर रवि शास्त्री नहीं करते यह गलतियाँ तो भारत तीनों फॉर्मेंट में होता नंबर 1 क्रिकेट टीम

Published - 04 May 2021, 03:25 AM

खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी के कप्तानी का युग खत्म होने के बाद जब विराट कोहली के कंधों पर भारतीय क्रिकेट टीम की कमान सौपीं गई तो भारत के क्रिकेट एक्स्पर्ट्स और फैंस को कोहली से काफी उम्मीदें थी की कोहली भारतीय टीम को तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनाएंगे।

लेकिन विराट कोहली से की गई उम्मीदों और हकीकत में काफी फर्क निकला। भारतीय फैंस को कोहली से इसलिए भी उम्मीदें काफी ज्यादा थी, क्योंकि कोहली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम के पास वैसे खिलाड़ी आ गए थे, जिनके बदौलत भारतीय टीम विश्व के बड़ी टीमों को चुनौती दे सकती थी।

विराट कोहली की कप्तानी में टीम मैनेजमेंट और कोच रवि शास्त्री ने कई ऐसी गलतियाँ की जो की टीम को भारी पड़ी। इसी क्रम में हम बात करेंगे की अगर विराट कोहली और रवि शास्त्री 3 बड़ी गलतियाँ नहीं करते तो भारतीय क्रिकेट टीम तीनों फॉर्मेट में बेहतर बन सकती थी।

टी-20 क्रिकेट में रहे है रक्षात्मक बल्लेबाजी

विराट कोहली के भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों में अपनी जगह खोने को लेकर खतरा बना रहता है। इस वजह से भारतीय बल्लेबाज अक्सर रक्षात्मक बल्लेबाजी करते हैं। अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट भारतीय खिलाड़ियों को यह यकीन दिलाए की उनकी जगह टीम में पक्की है।

ऐसा होने पर अक्सर भारतीय क्रिकेटर टी-20 क्रिकेट में अग्रेसीव बल्लेबाजी नहीं करते है, भारत के खिलाड़ी टी-20 क्रिकेट में खेलते हुए बिल्कुल वनडे के अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं। अगर उन्हे टीम अग्रेसीव बल्लेबाजी करने के लिए टी-20 क्रिकेट में कहे तो भारतीय टीम टी-20 क्रिकेट की नंबर वन टीम बन सकती है।

टेस्ट क्रिकेट में खराब रणनीति

भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट क्रिकेट के प्रदर्शन पर नजर डाले तो टेस्ट टीम ने विराट कोहली की कप्तानी में भले थोड़ा अच्छा प्रदर्शन करने लगी है। लेकिन कही न कही टीम इंडिया में आज भी कई कमियाँ जिसकी वजह से वह विदेशी मैदानों पर संघर्ष करते नजर आते हैं।

अगर भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पिछली टेस्ट सीरीज पर नजर डाले तो उस दौरान टीम को 4-1 से हार मिली थी। अगर पांचों ही मैचों में भारतीय टेस्ट टीम के प्रदर्शन पर नजर डाले तो भारतीय टीम कम से कम 3 मैच जीत सकती थी। एक मैच में टीम ने पुजारा को बाहर बैठाया और केएल राहुल को मौका दिया था।

वहीं एक मैच में भारतीय क्रिकेट टीम ने मुरली विजय को बाहर बैठाकर केएल राहुल को मौका दिया था, इन दोनों ही मैचों में टीम को हार मिली थी। इन दोनों मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम 22, 63 रन से हारी थी। इसके आलवा भारतीय टीम पिछले कुछ समय से निचले क्रम के बल्लेबाजी के खिलाफ रणनीति नहीं बनाई।

अक्सर टेस्ट क्रिकेट में भारतीय गेंदबाजों के सामने बल्लेबाज तो आउट हो जाते है लेकिन जब निचले क्रम की बारी आती है तो टीम के गेंदबाज उन्हे जल्दी आउट नहीं कर पाते है।

वनडे टीम में करते रहते है बदलाव

भारतीय टीम के प्रदर्शन पर नजर डाले तो टीम वनडे क्रिकेट में लगातार बदलाव करती रहती है। पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट को एक ऐसे क्रिकेटर की जरूरत थी जो टीम के लिए मध्यक्रम में शानदार प्रदर्शन कर सके। टीम को कई खिलाड़ियों को मौका देने के बाद श्रेयस अय्यर जैसा बेहतरीन विकल्प मिला।

लेकिन अब पिछले कुछ समय में देखने को मिल रहा है की टीम अय्यर को भी लगातार अलग-अलग नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए भेज रही है। वनडे क्रिकेट में अगर टीम इंडिया अपने खिलाड़ियों को लगातार मौका देती तो वह बेहतरीन प्रदर्शन का नजारा पेश करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम को नंबर बना सकते थे।

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