Hardik Pandya: भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच खेली गई 5 मैच की टी-20 सीरीज़ पर वेस्टइंडीज़ की टीम ने कब्ज़ा जमाया. आखिरी मैच में टीम इंडिया को मुकाबला गवांना पड़ा और 2-2 से बराबर चल रही सीरीज़ को विडीज़ टीम ने अपने नाम कर लिया. हालांकि इस सीरीज़ में टीम इंडिया की अगुवाई करने वाले हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya)ने सीरीज़ हारने के बाद एक ऐसा बयान दे दिया, जिसकी आलोचनाएं चारों ओर हो रही है. अब उनके इस बयान पर क्रिकेट फैंस से लेकर पूर्व क्रिकेटर्स भी नाराज़गी जता रहे हैं.
Hardik Pandya ने दिया था बयान
इस मैच में टीम इंडिया का बल्लेबाज़ी विभाग औसतन प्रदर्शन करते हुए नज़र आया. सूर्यकुमार यादव के अलावा कोई भी बल्लेबाज़ बड़ी पारी खेलने में नाकाम साबित हुआ. सलामी बल्लेबाज़ शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के अलावा सूंज सैमसन भी गैर ज़िम्मेदाराना शॉट मारकर पवेलियन की राह चलते बने, जो टीम इंडिया की हार की सबसे बड़ी वजह बना. वहीं मैच और सीरीज़ हारने के बाद हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'कभी-कभी हारना अच्छा होता है.' अब उनके इस बयान पर पूर्व खिलाड़ी वेंकटेश प्रसाद ने नराज़गी ज़ाहिर की है.
वेंकटेश प्रसाद ने जताई नराज़गी
टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वेंकटेश प्रसाद हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya)के बयान से नाखुश दिखे. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कप्तान हर्दिक पांड्या को करारा जवाब दिया. उन्होंने लिखा,
"टीम इंडिया पिछले कुछ समय से सीमित ओवरों में बेहद समान टीम रही है. भारतीय टीम को उस टीम के सामने सीरीज़ गवांनी पड़ी है, जो कुछ दिन पहले टी-20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में असफल रही थी. हम वनडे सीरीज़ में भी बांग्लादेश से हार गए थे. आशा है कि मुर्खतापूर्ण बयान देने के बजाए आत्ममंथन करेंगे."
India has been a very very ordinary limited overs side for sometime now. They have been humbled by a West Indies side that failed to qualify for the T20 WC few months back. We had also lost to Ban in the ODI series. Hope they introspect instead of making silly statements #IndvWI
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) August 13, 2023
मैच का हाल
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टीम इंडिया ने 9 विकेट खोकर 165 रन बनाए थे. टीम इंडिया की ओर से सूर्यकुमार यादव ने 45 गेंदों में 61 रनों की पारी खेली थी. उनके अलावा टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज़ बड़ी पारी नहीं खेल सका. जवाब में वेस्टइंडीज़ की टीम ने 2 विकेट और 2 ओवर शेष रहते ही लक्ष्य को हासिल कर लिया.
यह भी पढ़ें: 1983 से लेकर 2013 तक…टीम इंडिया के लिए लकी साबित हुए विदेशी कोच, 5 बार ICC की ट्रॉफी पर भारत ने जमाया कब्ज़ा