वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में हार के बाद कप्तान विराट कोहली की कप्तानी पर फिर से विवाद शुरू हो गया हैं। सोशल मीडिया पर रोहित को लिमिटेड ओवरों में कप्तान बनाने की मांग उठ रही हैं। इन सबके बीच भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर एवं क्रिकेट एक्सपर्ट Aakash chopra ने वजह बताया कि क्यों विराट कोहली आईसीसी इवेंट्स में एमएस धोनी से रह जाते हैं पीछे। उन्होंने इस दौरान भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का भी जिक्र किया।
Aakash chopra ने कहा धोनी चलते थे एक टीम के साथ
आकाश चोपड़ा ने बताया कि महेंद्र सिंह धोनी हमेशा से एक फिक्स एकादश लेकर चलते थे।
"चाहे वो भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे हो या आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स अपने उनका टीम देखा होगा कि लीग स्टेज से नॉकआउट स्टेज में उनकी टीम और मुख्य खिलाड़ी लगभग वही रहते थे. वह हमेशा ऐसे खिलाड़ियों को अपनी एकादश में जगह देते थे जो बड़े मैचों में रन करें. जब आप क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंचते हो तो वो टीम जीतती हैं जो कम गलतियां करती हैं, जो टीम कम घबराती हैं. वो टीम जीतती है जो लगातार एक ही एकादश से खेलती हैं ताकि अंत तक सभी खिलाड़ी सुरक्षित रहें। अगर आप एक खिलाड़ी को परफॉर्म करने के लिए 2 से 3 मौके देते हो तो खिलाडी़ का विश्वास भी कप्तान के प्रति बढ़ता है।"
युवराज सिंह, गौतम गंभीर जैसे बड़े मैच प्लेयर रहे हिस्सा
आकाश ने बड़े मैच प्लेयरों का उदाहरण देते हुए गौतम गंभीर और युवराज सिंह का जिक्र किया जिन्होंने 2007 एवं 2011 वर्ल्ड कप में भारत के लिए अहम भूमिका निभाई। इस बारें में Aakash chopra ने कहा कि
"जब भी आप 2007 टी 20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप फाइनल याद करोगे तो सबसे पहला जिक्र भारतीय प्लेयर गौतम गंभीर का होगा। उन्होंने इन दोनों मैच में टीम की बैटिंग संभाली। युवराज सिंह ने अपने बल्लेबाजी और गेंदबाजी से दोनों ही वर्ल्ड कप में टीम के लिए अहम भूमिका निभाई। वहीं 2013 चैंपियन्स ट्रॉफी में विराट कोहली रवींद्र जडेजा ने फाइनल में टीम की बागडोर संभाली। "
2014 विश्व कप में विराट का बस बल्ला चला
दिग्गज Aakash chopra ने इस बारें में आगे बताया कि
"अगर आपको 2014 विश्व कप फाइनल याद होगा तो उसमें बस विराट का बल्ला चला उसमें उनको किसी भी प्लेयर का साथ नहीं मिला। धोनी हमेशा कुछ सीनियर खिलाड़ियों पर निर्भर रहते थे. बड़े मंच के लिए, वह सभी नॉकआउट मैचों में दमदार खेलते थे.”