गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 खेल रही टीम इंडिया एडिलेड के बाद ब्रिस्बेन टेस्ट में भी फ्लॉप नजर आई। सोमवार को खेले गए तीसरे दिन के खेल में कंगारू गेंदबाजों ने अपनी जलवा बिखेरते हुए एक बार फिर भारतीय टीम पर दबाव बनाया। इस दौरान शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली बतौर बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे। इसके बाद अब गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को एक खूंखार खिलाड़ी को टीम में जगह देने को मजबूर हो गए हैं, जिसे लगातार सेलेक्टर्स नजरअंदाज कर रहे हैं।
गौतम गंभीर हुए इस खूंखार खिलाड़ी को टीम में जगह देने को मजबूर
ऑस्ट्रेलिया में जारी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। पर्थ टेस्ट के बाद कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है। एडिलेड के बाद ब्रिस्बेन में भी रोहित शर्मा एंड कंपनी ने रन बनाने के लिए संघर्ष किया। 16 दिसंबर को तीसरे मैच के तीसरे दिन का खेल हुआ, जिसमें विराट कोहली, शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत सस्ते में आउट हो गए।
टीम इंडिया की कमजोर बल्लेबाजी को देखने के बाद कहा जा रहा है कि भारतीय हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) 25 वर्षीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को वापस लाने पर मजबूर हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे के खत्म होने के बाद उनकी टीम इंडिया में फिर से वापसी कराई जा सकती है। अगर उन्हें सेलेक्टर्स और कोच-मैनेजमेंट की ओर से विश्वास मिलता है, तो वो धुंआधार कमबैक कर सकते हैं।
डेब्यू मैच में मचाया था धमाल
दरअसल, टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर पिछले कुछ समय से बेरंग नजर आ रहा है। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 से पहले न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज में भी बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप रहे। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे धाकड़ बल्लेबाज अपने खेल में निरंतरता बनाए रखने में नाकाम रहे, जिसके चलते टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में भारतीय चयनकर्ता और गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) पृथ्वी शॉ को खुद को साबित करने के लिए टीम में मौका देने का फैसला कर सकते हैं। सीमित ओवर के क्रिकेट में उनका प्रदर्शन भी जबरदस्त रहा है। दिलचस्प बात तो ये है कि टेस्ट करियर की शुरूआत उन्होंने शतक के साथ की थी।
फर्स्ट क्लास करियर रहा है शानदार
टीम इंडिया से बाहर चल रहे पृथ्वी शॉ की क्षमताओं पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन कर अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया है। इसके अलावा अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक जड़ युवा खिलाड़ी ने अपने बल्ले का दम पूरी दुनिया को दिखाया था।
हालांकि, अनफिट होने और विवादों में शामिल होने के कारण उन्हें टीम में अपनी जगह गंवानी पड़ी। लेकिन अब बल्लेबाजों की खराब फॉर्म ने उनके लिए टीम के दरवाजे खोल दिए हैं। बता दें कि पांच टेस्ट मैच में उनके नाम 339 रन दर्ज हैं। जबकि 58 फर्स्ट क्लास की 102 पारियों में उन्होंने 46.02 की औसत से 4556 रन बनाए हैं।
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