IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच पुणे के एमसीए स्टेडियम में दूसरा मैच चल रहा है। इस मैच के दौरान एक स्टार ओपनर को बड़ी खुशखबरी मिली है। क्योंकि इस खिलाड़ी को रातों-रात एक टीम की कप्तानी सौंप दी गई है। खास बात यह है कि बोर्ड ने सालों तक उन पर कप्तानी करने पर प्रतिबंध लगा रखा था। लेकिन अब प्रतिबंध हटा लिया गया है। अब कौन है यह खिलाड़ी, आइए जानते हैं
IND vs NZ मैच के बीच इस स्टार प्लेयर से हटा आजीवन कप्तानी नहीं करने का प्रतिबंध
दरअसल भारत बनाम न्यूजीलैंड (IND vs NZ) दूसरे मैच के बीच ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज पूर्व खिलाड़ी डेविड वॉर्नर कप्तानी नहीं करने का बैन हट चुका है। मालूम हो साल 2018 में बॉल टेंपरिंग मामले से क्रिकेट जगत में हड़कंप मच गया था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों द्वारा गेंद से छेड़छाड़ की कोशिश की गई।
इस मामले में पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ, उपकप्तान डेविड वॉर्नर और बल्लेबाज कैमरून बैनक्रॉफ्ट को सजा हुई थी। यह भी खुलासा हुआ कि वॉर्नर ही इस मामले के मास्टरमाइंड थे, इसलिए वार्नर को स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट की तुलना में अधिक कड़ी सजा दी गई, जिन्हें आजीवन कप्तानी से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
डेविड वॉर्नर से हटा कप्तानी नहीं करने का प्रतिबंद
लेकिन अब इस मामले के 6 साल बाद भारत बनाम न्यूजीलैंड (IND vs NZ) दूसरे मैच के बीच क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनका आजीवन प्रतिबंध रद्द करने का फैसला किया है। तो अब वॉर्नर फिर से कप्तानी करते नजर आ सकते हैं। हालांकि, गौर करने वाली बात यह है कि वार्नर ने इस साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। लेकिन वह टी20 लीग में खेल रहे हैं। तो अब वह बिग बैश लीग टूर्नामेंट में सिडनी थंडर्स टीम की कप्तानी करते नजर आ सकते हैं।
वॉर्नर के आचरण में सुधार
भारत बनाम न्यूजीलैंड (IND vs NZ) मैच के बीच 37 वर्षीय वार्नर ने इस महीने की शुरुआत में तीन सदस्यीय पैनल के समक्ष अपनी याचिका दायर की थी। इसके बाद वार्नर को प्रतिबंध हटाने के सभी मानदंडों पर खरा पाया गया। समिति ने उनका प्रतिबंध हटाते हुए बताया कि उनकी प्रतिक्रिया बदल गई है। साथ ही, उनके आचरण ने अब समिति समीक्षा पैनल को प्रभावित किया है। साथ ही समिति ने बताया कि उनका आचरण उनका आचरण बदल गया है। इसका उदाहरण यह है कि वह अब किसी प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ स्लेजिंग नहीं कर रहे हैं।
बाल टेम्परिंग के कारण लगा था प्रतिबंध
गोरतलब हो कि गेंद से छेड़छाड़ की घटना के बाद वॉर्नर और स्मिथ पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक साल का प्रतिबंध लगा दिया था। बैनक्रॉफ्ट पर 9 महीने के लिए क्रिकेट खेलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट पर नेतृत्व के लिए दो साल का प्रतिबंध भी लगाया गया था, जो 2020 में समाप्त हो गया। लेकिन वार्नर को आजीवन नेतृत्व से वंचित कर दिया गया। 2022 में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने आचार संहिता में बदलाव किया था, इसलिए खिलाड़ी बड़ी सज़ा के लिए समीक्षा की मांग कर सकते हैं। इसके चलते वॉर्नर ने भी याचिका दायर की थी।
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