भारत में कोरोना वायरस की स्थिति बहुत ही खराब है। देश में लोग ऑक्सीजन, बेड्स की कमी से जूंझ रहे हैं और हजारों लोग रोजाना अपनी जान गंवा रहे हैं। इस बीच IPL 2021 में हिस्सा लेने भारत आए डेविड वॉर्नर को भारत की ऐसी स्थिति देखकर काफी परेशान किया था। अब अपने परिवार के पास वापस लौट चुके डेविड वॉर्नर ने खुलासा किया है कि ऑक्सीजन के लिए लाइन में लगे हुए लोगों को देखकर उन्हें काफी तकलीफ होती थी।
अंतिम संस्कार के लिए सड़कों पर लाइन देखकर परेशान वॉर्नर
बीसीसीआई ने IPL 2021 को कोरोना वायरस के बीच भारत में ही आयोजित किया गया था। लेकिन टूर्नामेंट को बीच में ही स्थगित करना पड़ा, जब बायो बबल के भीतर कोरोना मामले बढ़ने लगे। इस बीच भारत में कोरोना से जूंझ रहे परिवारों की हालत काफी खराब हो गई। देश में हजारों लोग कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा रहे हैं, तो वहीं परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन में लगना पड़ रहा है। अब ऑस्ट्रेलिया के एक रेडियो शो से बातचीत में डेविड वॉर्नर ने कहा,
"भारत में ऑक्सीजन को लेकर जो कुछ भी हो रहा था उसे हम सबने टीवी पर देखा और इससे काफी दिक्कत हुई। आपको पता है, लोग अपने परिवार के सदस्यों के अंतिम संस्कार के लिए सड़कों पर लाइनों में लगे हुए थे। हमने भी मैदान में जाते और वहां से आते हुए यह देखा था। यह काफी भयानक था। इंसानियत के नाते यह बात काफी परेशान कर रही थी।"
सही था IPL 2021 को स्थगित करना
IPL 2021 को कोरोना वायरस के चलते स्थगित कर दिया गया। अब डेविड वॉर्नर का कहना है कि ये फैसला अच्छा रहा, क्योंकि एक शहर से दूसरे शहर सफर करना चुनौतीपूर्ण था। ऑस्ट्रेलियाई ओपनर ने कहा,
"मुझे लगता है कि यह सही फैसला किया गया। एक शहर से दूसरे शहर में जाने, प्लेन में चढ़ने-उतरने के दौरान बबल में रहना काफी चुनौतीपूर्ण था। लेकिन उन्होंने अपनी तरह से पूरी कोशिश की और आईपीएल को शुरू किया। हम जानते थे कि भारत में सब क्रिकेट को पसंद करते हैं और आधी आबादी अपने चेहरे पर मुस्कान रखते हुए इसे देखेगी। यह चुनौतीभरा था। हमें वहां से फौरन निकलना था।"
लोग घर से बाहर फंस गए
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को अपने घर वापस लौटने के लिए पहले मालद्वीप जाना पड़ा। वहां क्वारेंटीन होने के बाद वह ऑस्ट्रेलिया पहुंचे, जहां उन्हें फिर 14 दिनों के क्वारेंटीन से गुजरना पड़ा। खिलाड़ी आखिरकार अपने घर पहुंच चुके हैं। अब वॉर्नर ने मालद्वीप में अपने क्वारेंटीन दिनों के बारे में बताया,
"हम मालदीव में दूसरे लोगों के साथ थे और वे भी वहां पर भारत से निकलने की वजह से ही थे। वे भी अपने देश जाना चाहते थे क्योंकि भारत में जो भी व्यक्ति गया था वह अपने घर के बाहर फंस गया था।"