खिलाड़ियों के लिए अपने देश की टीम से ज्यादा जरूरी है पैसा! इस चौंकाने वाली रिपोर्ट से सामने आई असलियत
Published - 29 Nov 2022, 12:37 PM

Table of Contents
मौजूदा समय में इंटरनेशनल क्रिकेट और लीग क्रिकेट के बीच जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की सफलता के बाद उसकी तर्ज पर दुनिया भर के तमाम देश अपनी लीग लेकर आ रहे हैं। जिसका सबसे हालिया उदाहरण दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड है, आलम ये है कि खिलाड़ी अपने देश की टीम का साथ छोड़ इन लीग में हिस्सा लेने के लिए ज्यादा आतुर रहते हैं। अब इस मामले को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बाद यह साफ तौर पर साबित हो जाता है कि आर्थिक भार से मुक्त होने के लिए क्रिकेटर (Cricketer) अपने देश की टीम से ज्यादा लीग क्रिकेट को तवज्जो देने में विश्वास रखते हैं।
लीग खेलने के लिए देश की टीम छोड़ रहे हैं Cricketer
दरअसल, फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) की एक रिपोर्ट के अनुसार कई ऐसे चौंकाने वाले आंकड़े मिले हैं। जिससे यह साबित हो जाता है कि मौजूदा समय में क्रिकेटरों (Cricketer) का अपने देश से ज्यादा लीग क्रिकेट की ओर झुकाव ज्यादा बढ़ रहा है। ईएसपीएन क्रिकीनफ़ों में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्वभर के टॉप टी20 खिलाड़ी एक मुफ़्त एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं।
क्योंकि वह लीग क्रिकेट में हिस्सा लेने के लिए अपने देश के बोर्ड के अनुबंधों से बाहर आ चुके हैं। उदाहरण के तौर पर न्यूज़ीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने कुछ महीनों पहले ही अपने देश की टीम से सालाना अनुबंध खत्म कर दिया था। ताकि वह अन्य लीग में खेलने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हो जाए। दूसरे ओर रिपोर्ट के अनुसार 42 प्रतिशत खिलाड़ी (Cricketer) ऐसे भी है जो विदेशी लीग में खेलने के साथ ही नैशनल कान्ट्रैक्ट में भी है।
यह भी पढ़ें - Ruturaj Gaikwad के 7 छक्कों को छोड़िए! इस बल्लेबाज ने 1 ही ओवर में जड़े थे 8 छक्के, बटोरे थे पूरे 77 रन
ज्यादा पैसे के लिए खिलाड़ी देश की टीम छोड़ने पर मजबूर
फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन की रिपोर्ट कहती है कि खिलाड़ी (Cricketer) अपने जीवन यापन के लिए सिर्फ एक क्रिकेट बोर्ड के अनुबंध तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं और ऐसे खिलाड़ियों की संख्या 82 प्रतिशत से भी ज्यादा है। इसमें सिर्फ टॉप 100 टी20 खेलने वाले खिलाड़ियों की बात कही गई है। FICA की रिपोर्ट में 11 देशों के 400 खिलाड़ियों के बीच यह सर्वे किया गया है। जिसमें से भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी शामिल नहीं है।
BCCI की सैलरी भी आईपीएल फीस से कम
जाहिर तौर पर विदेशी लीग में खेलने पर खिलाड़ियों (Cricketer) को उनके बोर्ड के मुकाबले ज्यादा पैसा मिलता है। दुनिया भर में इस समय मुख्य तौर से 7 लीग खेली जा रही है, जिसमें सबसे बड़ा नाम और खिलाड़ियों को मिलने वाला दाम आईपीएल है। यहां तक की भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी अपने सबसे उच्च ग्रेड वाले खिलाड़ी को सालाना कान्ट्रैक्ट में आईपीएल से ज्यादा रकम नहीं देता है।
आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन में मुंबई इंडियंस ने ईशान किशन पर 15 करोड़ की बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया था। जबकि बीसीसीआई अपने A+ ग्रेड वाले खिलाड़ियों को 7 करोड़ रुपये सालाना देता है। बाकी क्रिकेट बोर्ड की हालात इससे भी खस्ता है। लीग में बह रहे इस पैसे से सीधा इंटरनेशनल क्रिकेट को नुकसान संभव है, जिसके लक्षण बीते कुछ महीनों में देखने को भी मिले हैं।
Tagged:
team india IPL 2023 International Cricket ipl