5 खिलाड़ी जिन्हें अगले सीजन से पहले टीम से बाहर कर सकती है रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर

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इंडियन प्रीमियर लीग-2020 को जीतने के इरादे से उतरी रॉयल चैलेजर्स बैंगलोर की टीम को उस वक्त झटका लगा जब वो टूर्नामेंट से बाहर हो गई. बैंगलोर की टीम शुक्रवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ एलिमिनेटर मैच में 6 विकेट से हार गई और इसी के साथ टूर्नामेंट में उसका अभियान समाप्त हो गया.
बैंगलोर अबतक इंडियन प्रीमियर लीग नहीं जीत पाई है और इस सीजन में भी उसकी हार की वजह उसके कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टीम के लिए कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया. अब ऐसा माना जा रहा है कि अगले सीजन में ये खिलाड़ी शायद ही टीम में खेलते दिखें.
तो आज हम इस लेख के जरिए बताते है कि वो 5 खिलाड़ी कौन से है जिन्हें अगले सीजन से पहले रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम बाहर कर सकती हैं. और फिर शायद ही वो कभी बैंगलोर की टीम से खेलते हुए नजर आए.
1. शिवम दुबे
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम के मिडिल ओवर बल्लेबाज या फिर कहें टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी शिवम दुबे पर टीम ने पूरा भरोसा जताया और वो पिछले दो सीजन से टीम में खेल रहे हैं. इस ऑलराउंडर को लगातार मौके भी मिल रहे हैं लेकिन दुबे का प्रदर्शन बेहद ही ख़राब रहा है.
लेकिन उन्हें सीजन भी काफी मौके दिए गए फिर भी उन्होंने 9 मैचों में महज 18.42 के औसत से 129 रन ही बनाए. इसके साथ ही वो गेंदबाजी में भी कुछ ख़ास नहीं कर सके. उन्होंने इस सीजन में सिर्फ 4 विकेट ही अपने नाम किए.
उनके इस प्रदर्शन से बाद टीम स्टाफ काफी नाखुश नजर आ रहा है. इसके साथ ही वो आईपीएल के अगले सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम से खेलते हुए शायद ही नजर आए. जिसको लेकर अभी तक पूरी तरह सहमती नहीं बनी हैं.
2. डेल स्टेन
अपनी तेज़ और स्विंग गेंदबाजी के लिए पहचाने जाने वाले डेल स्टेन जब अपने शबाब पर थे तो उन्होंने कई बल्लेबाजों के दांत खट्टे किए. उन्होंने ऐसे समय में अपनी टीम को कई मैच जिताए लेकिन अब इस दिग्गज गेंदबाज की उम्र हो चली हैं.
इसका असर भी हम लोग साफ़ देखा सकते हैं, उनका प्रदर्शन पहले से ख़राब हो गया है. उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन में सभी मैच तो खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन उन्होंने इस सीजन में तीन मुकाबलें जरुर खेले हैं.
जिसमें उन्होंने महज 1 विकेट ही अपने नाम किया और उनका इकॉनमी रेट 11 रन प्रति ओवर से भी ज्यादा रहा. अगले सीजन में साउथ अफ्रीका का ये दिग्गज गेंदबाज शायद ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए अगला सीजन खेलते हुए नजर आए.
3. उमेश यादव
तेज़ गेंदबाज की बात हो और भारतीय और आरसीबी के उमेश यादव जैसे खिलाड़ी का नाम ना आए ऐसा होना ना मुमकिन है. उनके पास कहने को अफ्तार और अनुभव है लेकिन इन दोनों हो चीज़ों से रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम को कोई फायदा नहीं हुआ.
उमेश यादव को इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन में महज 2 मैच खेलने को मिले. लेकिन वो उसमें भी कोई फायदा नहीं उठा सके. इस दौरान उन्होंने एक भी भी विकेट अपने नाम नहीं किया. बल्कि उन्होंने 11.85 रन प्रति ओवर की इकॉनमी रेट से रन लुटाए.
उनके इस प्रदर्शन के चलते वो शायद ही रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम के लिए खेलते हुए देखे जाए. क्योंकि पिछले कुछ सीजन में उन्होंने अपनी टीम के लिए कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया. वहीं इस सीजन भी वो फ्लॉप होते हुए दिखे.
4. एरोन फिंच
ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ और आक्रामक बल्लेबाज के रूप में पहचाने जाने वाले एरोन फिंच को वनडे के कप्तान के रूप के साथ-साथ छोटे फॉर्मेट में कमाल करने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन वो इंडियन प्रीमियर लीग के इस सीजन में वो पूरी तरह फ्लॉप दिखे.
उन्होंने आईपीएल के इस सीजन में कुल 12 मैच खेले. जिसमें उन्होंने 22.23 की औसत से 268 रन ही बनाए. उनके बल्ले से इस बार महज एक अर्धशतक ही निकलते हुए देखा गया. जो शायद उनकी जिंदगी का सबसे ख़राब प्रदर्शन होगा.
फिंच पूरी तरह इस बार फ्लॉप और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम जरुर आईपीएल के अगले सीजन में उन्हें टीम में बरकरार रखने पर विचार कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो ये बात एरोन फिंच के लिए एक ख़राब मानी जाएंगी.
5. गुरकीरत सिंह
इंडियन प्रीमियर लीग के अगले सीजन में नजर ना आने वाले गुरकीरत सिंह को आईपीएल के इस सीजन में मौके दिए. जिसमें उन्होंने पांच मैच खेले, लेकिन वो अपनी बल्लेबाजी से टीम को अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित नहीं कर सके.
उन्होंने इस दौरान 5 पारियों में महज 71 रन ही बनाए और उनका स्ट्राइक रेट महज 88 का रहा. जो उनका सबसे ख़राब स्ट्राइक रेट माना गया. उन्होंने इस बार मिले मौके को अगले सीजन में खेलने के लिए ना सोचते हुए बस ऐसे प्रदर्शन किया.
गुरकीरत की जगह प्लेइंग इलेवन में कभी भी पक्की नहीं दिखी ऐसे में अगले सीजन में उनका रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में रहना मुश्किल ही समझिए. अगर वो चाहते तो इस सीजन में मिले मौके को अच्छे उपयोग कर सकते थे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
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