BCCI ने अब पीसीबी और हर्शल गिब्स के बयान पर किया पलटवार, पाकिस्तान के दावों का पर्दाफाश

Published - 01 Aug 2021, 10:02 AM

BCCI on PCB Gibbs

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अब साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर हर्शल गिब्स (Herschelle Gibbs) और पीसीबी (PCB) की प्रतिक्रियाओं का पलटवार किया है. कश्मीर प्रीमियर लीग (KPL) को लेकर उठे विवाद के बाद अब भारतीय बोर्ड ने भी इसका जवाब दिया है. हाल ही में अफ्रीकी क्रिकेटर ने बोर्ड पर धमकी देने का आरोप लगाया था. इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस मसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक प्रेस रिलीज किया था.

पीसीबी ने भारत बोर्ड पर लगाए थे ऐसे आरोप

BCCI

पीसीबी ने अपने जारी किए गए बयान में कहा था कि, भारतीय बोर्ड ने आईसीसी के सदस्यों के आंतरिक मामलों में दखल देकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और सज्जनों के खेल की भावना का उल्लंघन किया है क्योंकि केपीएल को पाकिस्तान बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. PCB ने ये तक कह दिया है कि, भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपने सेवानिवृत्त क्रिकेटरों को कश्मीर प्रीमियर लीग में शामिल होने से रोकने के लिए कई आईसीसी सदस्यों को चेतावनी जारी करके खेल को बदनाम किया है.

साथ ही ये धमकी भी दी है कि उन्हें क्रिकेट से जुड़े किसी भी काम के लिए भारत में एंट्री की इजाजत नहीं दी जाएगी. पीसीबी ने आगे ये बात भी कही थी कि, क्रिकेट की भावना के खिलाफ बीसीसीआई (BCCI) का व्यवहार किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है और एक खतरनाक मिसाल कायम करता है जिसे न तो बर्दाश्त किया जा सकता है और न ही नजरअंदाज किया जा सकता है. इसले इस पूरे मामले को पाकिस्तान बोर्ड आईसीसी फोरम में उठाएगा और आईसीसी चार्टर के तहत हमारे लिए उपलब्ध कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार भी सुरक्षित रखता है.

अब भारतीय बोर्ड ने किया जबरदस्त पलटवार, गिब्स को भी दिया करारा जवाब

PCB की ओर से जारी किए गए इस बयान के बाद बीसीसीआई (BCCI) ने जवाब देते कहा है कि, देश के अंदर होने वाली क्रिकेट गतिविधियों में हिस्सा लेने की मंजूरी देने या नहीं देने का हक बोर्ड के पास है. देश में क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र के संबंध में फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है. पीसीबी इस मामले को आइसीसी के किसी भी मंच पर उठा सकता है और हम इसका स्वागत करेंगे. लेकिन,

"एक पूर्व खिलाड़ी की ओर से दिए गए बयान की सत्यता की न तो पुष्टि की जा सकती है और न ही इससे इनकार किया जा सकता है.खासकर जो पहले मैच फिक्सिंग की सीबीआई (CBI) जांच में शामिल हो चुका है. पीसीबी को ये बात समझने की जरूरत है कि, भले ही गिब्स के बयान को सच मान लिया जाए.

लेकिन, बीसीसीआई को पता है कि भारत में क्रिकेट इकोसिस्टम के संबंध में फैसले लेने के अपने अधिकारों के अंदर उसे क्या करना है. मसला ये है कि, भारतीय क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) विश्व स्तर पर क्रिकेट के अवसरों के लिए सबसे ज्यादा मांग वाला है. पीसीबी को इससे दिक्कत नहीं होना चाहिए."

ऐसा क्यों कर रहा है पीसीबी, BCCI ने खोले सारे राज

इसके साथ ही बोर्ड के अधिकारी ने यह बात भी कही कि,

"पीसीबी खुद कश्मकश में है. जिस तरह से पाकिस्तानी मूल के खिलाड़ियों को आईपीएल (IPL) में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं देने के निर्णय को आईसीसी सदस्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के तौर पर नहीं माना जा सकता है. वैसे ही किसी को भी क्रिकेट के साथ किसी भी तरह से हिस्सा लेने की इजाजत देने या अस्वीकार करने का निर्णय, यदि कोई करता है तो यह भारत में यह बोर्ड का आंतरिक मामला है."

इतना ही नहीं अधिकारी ने यह भी कहा कि, पीसीबी इस मसले को आईसीसी (ICC) के साथ उठा सकता है. लेकिन, सभी इस बात से वाकिफ हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ऐसा बर्ताव क्यों कर रहा है. इस सिलसिले में अधिकारी ने ये कहा कि,

"आईसीसी में इस मामले को उठाने के लिए उनका स्वागत है और कोई भी समझ सकता है कि यह कहां से आ रहा है. लेकिन, सवाल यही है कि, उन्हें खुद से ये जानने के की जरूरत है कि क्या यह उनके कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप की वजह है. क्योंकि पाकिस्तान के पीएम आधिकारिक रूप से उनके संरक्षक हैं. उनके अपने संविधान के मुताबिक यह चर्चा करने का वक्त है कि क्या इस मुद्दे को क्रिकेट काउंसिल में उठाया जाना चाहिए."

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