3 कारण जिसकी वजह से अक्षर पटेल भारतीय टीम में जगह नहीं करते थे डिजर्व

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Shilpi Sharma
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3 कारण जिसकी वजह से अक्षर पटेल भारतीय टीम में जगह नहीं करते थे डिजर्व

17 अक्टूबर से शुरु होने वाले टी20 विश्व कप का इंतजार सभी बेसब्री से फैंस कर रहे हैं. बीसीसीआई ने भी अपनी टीम का ऐलान कर दिया है. जिसमें अक्षर पटेल (Axar patel) समेत कई चेहरों को पहली बार इतने बड़े मेगा इवेंट के मेन स्क्वॉड में जगह दी गई है. इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच 14 नवंबर को खेला जाएगा. जिसके लिए तकरीबन सभी बोर्ड्स ने अपनी-अपनी टीमे घोषित कर दी हैं.

भारतीय बोर्ड ने 15 सदस्यीय टीम के साथ 3 प्लेयर्स को रिजर्व के तौर पर चुना है. ओमान और यूएई में होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए एक से बढ़कर एक धुरंधर बल्लेबाजों को टीम में जगह दी गई है. साथ ही गेंदबाजी क्रम भी बेहद मजबूत नजर आ रहा है. लेकिन, टीम में ऐसे खिलाड़ी भी शामिल किए गए जिनके प्रदर्शन को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि वो इस विश्व कप के लिए डिजर्व नहीं करते थे.

आज हम अपनी इस खास रिपोर्ट में उन्हीं तीन कारणों पर जिक्र करने जा रहे हैं जिसकी वजह से ये कहा जा सकता है कि, वो इसके लिए डिजर्व नहीं करते थे. आइए जानते हैं वो 3 कारण....

1. टी20 प्रारूप में कम है अनुभव

Axar patel

अक्षर पटेल (Axar patel) को बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने मुख्य स्क्वॉड में शामिल कर सिर्फ फैंस को ही नहीं बल्कि दिग्गज खिलाड़ियों को भी चौंका दिया है. ये फैसला कितना सही करार दिया जा सकता है, इसका अंदाजा आप स्पिनर के अनुभव से ही लगा सकते हैं. उनका टी20 फॉर्मेट में एक्सपीरियंस बेहद कम रहा है, खासकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने ज्यादा मुकाबले भी नहीं खेले हैं. एक लंबे अरसे के बाद इस साल उनकी टीम में वापसी हुई थी.

आखिरी बार उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टी20 सीरीज में चुना गया था. जिसमें उनकी गेंदबाजी लोगों पर कुछ खास प्रभाव छोड़ने में नाकामयाब रही थी. जबकि उनके बदले इस टूर्नामेंट के लिए लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ज्यादा डिजर्व करते थे. जिनका इस टूर्नामेंट से पत्ता ही काट दिया गया. उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक लंबा अनुभव रहा है और वो निरंतर भारत की ओर से खेलते भी रहे हैं. इसलिए अनुभव के आधार पर ये कहना गलत नहीं होगा कि, वो इस मेगा इंवेट में जगह बनाना डिजर्व नहीं करते थे.

2. चौंकाने वाले हैं आंकडे़

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अक्षर पटेल (Axar patel) के टी20 अंतर्राष्ट्रीय आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो वो भी हैरान करने वाले हैं. टीम इंडिया की ओर से उन्होंने पहली बार टी20I के लिए 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ डेब्यू किया था. इस फॉर्मेट में उनके पदार्पण को लगभग 6 साल से ज्यादा वक्त बीत गए हैं. लेकिन, उन्हें सिर्फ 12 टी20 इंटरनेशनल मैच में ही भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. जबकि यूजी लगातार टीम मैनेजमेंट की पसंद बने रहे हैं. लेकिन, इस टूर्नामेंट में यूजी के प्रदर्शन को नजरअंदाज कर दिया गया.

अक्षर के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो उन्होंने टीम इंडिया की ओर से सिर्फ 12 टी20 मैच खेले हैं. इन मुकाबलों में उन्होंने 6.88 की इकोनॉमी रेट से रन दिए हैं. तो वहीं उनका गेंदबाजी औसत 32.11 का रहा है. रिकॉर्ड के मामले में भी उन्हें कुछ खास उपलब्धि हासिल नहीं हुई है. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि, वो टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2021) की टीम में जगह बनाने के लिए डिजर्व नहीं करते थे.

3. तेज गेंदबाज को दिया जा सकता था मौका

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अक्षर पटेल (Axar patel) का अनुभव और रिकॉर्ड कुछ खास अच्छा नहीं रहा है. इसलिए अगर बीसीसीआई चयनकर्ता उनकी जगह किसी तेज गेंदबाज को जगह देते तो उसका टीम इंडिया को भी को फायदा मिल सकता था. मेगा इवेंट के लिए घोषित की गई 15 सदस्यीय टीम के साथ ही तीन खिलाड़ियों को रिजर्व के तौर पर रखा गया है. जिसमें श्रेयस अय्यर, राहुल चाहर और शार्दुल ठाकुर का नाम शामिल है. शार्दुल के मेन स्क्वॉड में शामिल होने संभावना जताई गई थी.

लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. यहां तक दीपक चाहर को भी मुख्य टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया. जो इस समय शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. खास बात तो ये है कि, वक्त पड़ने पर ये टीम के लिए सिर्फ गेंदबाजी ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी से भी योगदान दे सकते थे. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि, स्पिनर टी20 वर्ल्ड कप में जगह बनाने के लिए डिजर्व नहीं करते थे.

बीसीसीआई युजवेंद्र चहल अक्षर पटेल शार्दुल ठाकुर टी20 विश्व कप 2021