टीम इंडिया (Team India) में जगह पाने के लिए भारतीय खिलाड़ी तो तरसते हैं ही विदेशी खिलाड़ी भी इस मौके को लपकना चाहते हैं। ये सिर्फ कल्पना नहीं अब हकीकत बन चुका है। क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे खिलाड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने विदेशी टीम का हिस्सा होते हुए भारत से क्रिकेट खेलने का ख्वाब देखा। ये करने के लिए उसने नैशनल टीम की कप्तानी छोड़ भारत की घरेलू क्रिकेट में धक्के खाए, फिर भी बात नहीं बनी तो विदेश लौट गया।
विदेशी टीम की कप्तानी छोड़ भारत आया ये खिलाड़ी
यहां हाँग-काँग के पूर्व कप्तान अंशुमान राथ की बात हो रही है, एशिया कप 2018 में कप्तानी करने वाले अंशुमान ने साल 2020-21 में भारत आए थे। उनकी इच्छा थी कि विदर्भ की ओर से रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लिया जाए और फिर बतौर लोकल खिलाड़ी आईपीएल खेलने के रास्ते भी खुल जाए। साल 2021 को दिए गए बयान में उन्होंने खुद कहा कि,
"मैंने एक साल का कूलिंग-ऑफ पीरियड बिताया था, नागपुर में क्लब क्रिकेट खेला था और मुझे उम्मीद थी कि मुझे विदर्भ के लिए चुना जाएगा। लेकिन जब चीजें नहीं हुईं, तो मुझे एक नए अवसर की तलाश करनी पड़ी तब ही मेरा ऑडिशा आना हुआ मैं उडिया में बात भी कर सकता हूं।
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IPL खेलना चाहते थे राथ
अंशुमान राथ ने सीधे तौर से आईपीएल में हिस्सा लेने की इच्छा जाहिर की थी। साल 2021 में उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी शुरू होने से पहले भारत का रुख किया था। उन्हें उम्मीद थी कि इस टूर्नामेंट में अच्छा करने के बाद उन्हें भारतीय लीग में अवसर मिल सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने दोबारा हाँग-काँग जाना मुनासिब समझा।
14 साल की उम्र में गए थे हाँग-काँग
गौरतलब है कि अंशुमान राथ 14 साल की उम्र में अपने परिवार के साथ हाँग-काँग में जाकर बस गए थे। जहां उन्होंने दोबारा से अपने क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया। जिसमें वो उत्तीर्ण हुए और नैशनल टीम से खेलने का सपना पूरा किया। साल 2014 में डेब्यू करने के बाद उन्होंने 4 साल तक हाँग-काँग के लिए क्रिकेट खेला। इस दौरान उन्होंने 18 वनडे और 52 टी20 खेले, जिसमें उन्होंने क्रमश: 828 और 1098 रन बनाए थे।
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