दुनिया की सबसे अमीर और मनोरंजक फ्रेंचाइजी लीग IPL में अब अगले सीजन से दो नई फ्रेंचाइजियां भी खेलती नजर आएंगी। जिन्हें मेगा ऑक्शन में खुद को सिरे से तैयार करना होगा। अब इससे पहले आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) का मानना है कि IPL में 4 के बजाए 5 विदेशी खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की अनुमति होनी चाहिए। हालांकि ये पूरी तरह से टीम पर निर्भर है कि वह कितने खिलाड़ियों को जरुरत के अनुसार अंतिम ग्यारह में शामिल करती हैं।
प्लेइंग-XI में 5 विदेशी खिलाड़ियों को चुनने की आजादी
IPL में भारतीय व विदेशी खिलाड़ी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। वहीं नियमानुसार एक प्लेइंग इलेवन में अधिक से अधिक 4 विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया जा सकता है। मगर मशहूर कमेंटेटर Aakash Chopra को लगता है कि 4 के बजाए 5 विदेशी खिलाड़ियों को शामिल करने की अनुमति होनी चाहिए। चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि,
“आईपीएल में एक प्लेइंग इलेवन में पांच विदेशी खिलाड़ियों को अनुमति दें। अभी चार खिलाड़ियों को खिलाने की अनुमति है और मुझे लगता है कि यह प्रतियोगिता को थोड़ा कमजोर करता है। पांच विदेशी खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए। बेशक, फ्रेंचाइजी अगर चाहें तो ग्यारह भारतीयों को मैदान में उतार सकती हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कम से कम पांच विदेशी क्रिकेटरों को प्लेइंग इलेवन में शामिल करने का विकल्प होना चाहिए। वे खेलते हैं या नहीं यह पूरी तरह से अलग मामला है।"
नई टीमों के सामने हो सकती है चुनौती
Aakash Chopra का कहना है कि अगर मौजूदा 8 टीमें 3 भारतीय खिलाड़ियों को रिटेन करती हैं, तो ऑक्शन से पहले ही 24 भारतीय अनुपलब्ध हो जाएंगे। ऐसे में जो 2 नई टीमें शामिल हो रही हैं, उनके पास भारतीय खिलाड़ियों को खरीदने के विकल्प ही नहीं होंगे। पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा कि,
"अगर कोई फ्रेंचाइजी ज्यादा अच्छे भारतीय खिलाड़ियों को नहीं चुन पाई है तो यह काम आएगा। उदाहरण के लिए, यदि प्रत्येक टीम को नीलामी से पहले तीन खिलाड़ियों को बनाए रखने की अनुमति दी जाती है और उन सभी ने तीन भारतीय खिलाड़ियों को बरकरार रखा है, तो यह कुल 24 भारतीय क्रिकेटर हैं जो नीलामी के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। तो दोनों नई टीमें अच्छे भारतीय खिलाड़ियों को कहां से चुनेंगी?"
विदेशी खिलाड़ियों का कर सकती हैं इस्तेमाल
अगले सीजन से पहले मेगा ऑक्शन होगा। जिसमें दो नई टीमें हिस्सा लेंगी और सिरे से अपनी टीमों को तैयार करेंगी। मगर Aakash Chopra का मानना है कि टीमों के पास ऑक्शन में पैसा तो होगा, मगर यदि ऑप्शन नहीं होंगे, तो वह क्या करेंगी। कमेंटेटर ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा,
“जाहिर है, फ्रेंचाइजी को खिलाड़ियों को रिटेन करने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए नई फ्रेंचाइजी के पास पैसा हो सकता है, लेकिन ऑप्शन की कमी के कारण वे अच्छी टीमों को एक साथ नहीं रख पाएंगे। ऐसे मामले में, ये फ्रेंचाइजी अधिक विदेशी खिलाड़ियों का इस्तेमाल कर सकती हैं और धीरे-धीरे अपने भारतीय कोर का निर्माण कर सकती हैं।”