Prithvi Shaw: भारत टीम के स्टार बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के बल्ले से एक धांसू पारी देखने को मिली। इस धाकड़ बल्लेबाज ने गेंदबाजों की रेल बनाते हुए अपने चिरपरिचित अंदाज में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। भारत के लिए कई विस्फोटक पारियां खेल चुके शॉ ने यह कारनामा भारत की घरेलू प्रतियोगिता में किया था। उन्होंने अपनी लंबी पारी में चौको और छक्कों की बारिश कर दी थी। हालांकि, वह 400 रन का आंकड़ा नहीं छू पाए और महज 21 रन पहले ही आउट हो गए।
घरेलू क्रिकेट में शॉ का तूफान
25 वर्षीय पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के बल्ले से यह पारी साल 2022-23 में खेली गई रणजी ट्रॉफी में देखने को मिली थी। यह मुकाबला मुंबई और असम के बीच गुवाहाटी में खेला गया था। गेंदबाजों के अनुकूल मानी जा रही पिच पर शॉ ने अलग ही तूफान देखने को मिला था। उन्होंने असम के गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाते हुए महज 383 गेंदों पर 379 रन की पारी खेली थी। उनकी इस पारी यादगार पारी में 49 चौके और चार लंबे छक्के शामिल थे। उन्होंने यह रन 98.95 के स्ट्राइक रेट से बनाए थे। हालांकि, वह शतक से चूक गए थे। घरेलू क्रिकेट में 400 रन में 21 रन पहले ही ऑफ स्पिनर रियान पराग का शिकार बने। पराग ने उन्हें पगबाधा किया।
शॉ की पारी की बदौलत बना था विशाल स्कोर
मुंबई की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने पहली पारी में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। उनकी इस दमदार पारी के दम पर मुंबई ने पहली पारी में 4 विकेट के नुकसान पर 687 रन अपनी पारी घोषित कर दी थी। शॉ के अलावा इस मुकाबले में उस समय मुंबई की कप्तानी कर रहे अजिंक्य रहाणे ने भी धमाल मचाया था। उनके बल्ले से इस मुकाबले में 191 रन की धमाकेदार पारी निकली थी। खास बात यह रही कि रहाणे की पारी का अंत भी रियान पराग ने ही किया था। हालांकि, इस मुकाबले को मुंबई ने पारी और 128 रन की बड़ी जीत हासिल की थी।
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टीम इंडिया से लंबे समय से बाहर चल रहे पृथ्वी शॉ
वर्तमान समय में पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) मुंबई टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्हें भारत में खेली जा रही विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 के लिए स्क्वाड में भी नहीं चुना गया था। इसके बाद एक नए विवाद ने जन्म लिया। शॉ को मुंबई की टीम से बाहर करने का कारण मुंबई क्रिकेट संघ के एक अधिकारी ने बताया था। अधिकारी ने कहा था कि शॉ की फिटनेस और अनुशासनहीनता उनके टीम से बाहर जाने का सबसे बड़ा कारण है। हाल ही में संपन्न हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में हम 10 खिलाड़ी के साथ खेल रहे थे जबकि 11वें खिलाड़ी (पृथ्वी शॉ) को हमें मैदान पर छूपाना पड़ता था।
वह अभ्यास सत्र में भी कई बार नहीं आते थे, जिसकी शिकायत मुंबई टीम के कई सीनियर खिलाड़ी कर चुके हैं। बता दें कि शॉ की फिटनेस को लेकर कई दिग्गज खिलाड़ी भी आलोचना कर चुके हैं। इस बार उन्हें आईपीएल ऑक्शन में भी खरीदार नहीं मिला था। इसके बाद वह इस लीग में खेलते हुए नजर नहीं आएंगे। हैरानी की बात यह है कि महज 75 लाख के बेस प्राइज पर भी किसी भी फ्रेंचाइजी ने उनपर दांव नहीं लगाया।
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