भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) को टीम इंडिया से बाहर हुए लगभग दो साल हो चुके है। साल 2022 में उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मुकाबला खेला था। इसके बाद से ही वह टीम में वापसी का इंतजार कर रहे हैं। फ़ॉर्म में गिरावट आने की वजह से भारतीय चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया। वहीं, अब घरेलू क्रिकेट खेल वह सिलेक्टर्स को प्रभावित कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने (Bhuvneshwar Kumar) दिलीप ट्रॉफी में धुआंधार बल्लेबाजी कर गदर मचा दिया है।
भुवनेश्वर कुमार के बल्ले ने काटा बवाल
अपनी स्विंग गेंदबाजी से सबके दिलों में जगह बनाने वाले भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) पिछले दो साल से टीम इंडिया में अपनी जगह तलाश रहे हैं। भारतीय चयनकर्ताओं द्वारा लगातार अनदेखी के कारण उनका टीम से पत्ता लगभग कट गया है। ऐसे में घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर वह उन्हें प्रभावित करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इस बीच क्रिकेट फैंस भुवनेश्वर कुमार की दिलीप ट्रॉफी की उस पारी को याद करते नजर आए जिसमें उन्होंने गेंदबाजों की कुटाई कर तूफ़ानी शतकीय पारी खेली। इस मैच में वह बतौर बल्लेबाज चमके और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
भुवनेश्वर कुमार ने खेली शतकीय पारी
14 अक्टूबर से हैदराबाद में नॉर्थ जॉन और सेंट्रल ज़ोन के बीच दिलीप ट्रॉफी 2012 का दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया। टॉस जीतकर शिखर धवन ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला फैसला किया, जिसके बाद नॉर्थ जॉन की टीम पहली पारी में 451 रन ही बनाने में कामयाब रही। इस दौरान युवराज सिंह ने 208 रन और शिखर धवन ने 121 रन की धुआंधार पारी खेली।
इसके जवाब में सेंट्रल जॉन की पारी 469 रन पर सिमट गई। भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) की शतकीय पारी के बूते टीम ने यह स्कोर हासिल किया। 312 मिनट तक बल्लेबाजी कर उन्होंने 253 गेंदों पर 128 रन बनाए।
312 मिनट तक खड़े रहकर की बल्लेबाजी
भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) ने अपनी पारी में 13 चौके और तीन छक्के जमाए। यह उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर का पहला शतक रहा। 34 वर्षीय तेज गेंदबाज का अंतरराष्ट्रीय करियर भी अच्छा रहा है। उन्होंने 121 वनडे मैच में 141 विकेट झटकी है। 87 टी20 इंटरनेशनल में उनके नाम 90 विकेट दर्ज है। 21 टेस्ट मैच में वह 63 विकेट ले चुके हैं। प्रदर्शन में गिरावट आने की वजह से भुवनेश्वर कुमार को टीम में अपनी जगह गंवानी पड़ी। वहीं, अब अर्शदीप सिंह, मयंक यादव, हर्षित राणा जैसे युवा तेज गेंदबाजों के डेब्यू के बाद उनकी वापसी काफी मुश्किल हो गई है।