New Update
/cricket-addictor-hindi/media/media_files/2025/01/19/PAiRbRzjYvx1kq8QlqF6.png)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Arjun Tendulkar: पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में एक बहुत बड़ा नाम है। अपनी धुआंधार बल्लेबाजी से उन्होंने टीम इंडिया को कई बड़ी जीत दिलाई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक जड़ने का महान रिकॉर्ड भी उन्ही के नाम दर्ज है। वहीं, अब सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) भी उनकी राह पर चल पड़े हैं। रणजी ट्रॉफी में धुआंधार बल्लेबाजी खेल उन्होंने अपने बल्ले का जोहर साबित किया और सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा।
अर्जुन तेंदुलकर का घरेलू क्रिकेट करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 25 वर्षीय खिलाड़ी ने साल 2021 में मुंबई की ओर से टी20 के जरिए डोमेस्टिक क्रिकेट में डेब्यू किया था। लेकिन टीम में जगह न मिलने की वजह से उन्होंने गोवा टीम के साथ हाथ मिला लिए। साल 2022 में अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) ने गोवा के लिए अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच खेला, जिसमें उन्होंने गेंदबाजों की धुनाई कर कहर बरपा दिया था। 13 दिसंबर से शुरू हुए इस चार दिवसीय मुकाबले की मेजबानी पोर्वोरिम के गोवा क्रिकेट संघ अकादमी ग्राउंड ने की।
टॉस जीतकर राजस्थान के कप्तान अशोक मेनारिया ने बल्लेबाजी के लिए गोवा को न्योता दिया, जिसके बाद टीम ने 9 विकेट के नुकसान पर 547 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। इस दौरान सुयश प्रभुदेसाई और अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) के बल्ले ने जमकर आग उगली। राजस्थान के गेंदबाजों की धुनाई कर दोनों बल्लेबाजों ने तूफ़ानी पारी खेली। इन दोनों के अलावा स्नेहल कौथकर ने 59 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली। इन तीनों के सिवाय कोई भी खिलाड़ी बड़ी और अच्छी पारी नहीं खेल सका। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे सुयश प्रभुदेसाई ने 416 गेंदों में 212 रन बनाए।
राजस्थान के खिलाफ गोवा की ओर से रणजी ट्रॉफी का डेब्यू मैच खेलते हुए अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) अपना मेडन शतक जड़ने में सफल रहे। 207 गेंदों में 16 चौकों और दो छक्कों की मदद से उन्होंने 120 रन बनाए। इसके साथ ही वह सचिन तेंदुलकर की विशिष्ट सूची में शामिल हो गए हैं। दरअसल, पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने साल 1988 में गुजरात के खिलाफ अपने प्रथम श्रेणी के डेब्यू मैच में शतक लगाया था। इसके 34 साल बाद उनके बेटे ने यह उपलब्धि हासिल की।