टीम इंडिया (Team India) में हर साल कई नए युवा खिलाड़ियों को डेब्यू करने का मौका मिलता है। कई खिलाड़ी मिले इस मौके का फायदा उठा पाते हैं तो वहीं कई खिलाड़ी इन मौकों को भुना नहीं पाते हैं उनके लिए फिर हमेशा के लिए टीम इंडिया (Team India) में वापसी के दरवाजे बंद हो जाते हैं।
एक भारतीय ऑलराउंडर ऐसा भी है जिसने घेरलू क्रिकेट में 400 से ज्यादा विकेट झटके हैं तो वहीं 6 हजार से ज्यादा रन भी बनाए हैं लेकिन इसके बाद भी इस खिलाड़ी को टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं मिला। इस खिलाड़ी को लगातार हर साल नंबर-1 ऑलराउंडर का खिताब मिलता रहा लेकिन कुछ नहीं मिला तो टीम इंडिया में जगह। आइए जानते हैं इस खिलाड़ी के बारे में….
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टीम इंडिया में नहीं खेल पाया नंबर-1 ऑलराउंडर
घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश और केरल की तरफ से खेलने वाले ऑलराउंडर जलज सक्सेना ने लगातार साल दर साल शानदार प्रदर्शन किया है। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के चलते उनको कई बार बेस्ट ऑलराउंडर के खिताब से भी नवाजा गया है। लेकिन उनके करियर में अब तक उनको इंटरनेशनल क्रिकेट (Team India) खेलने का मौका नहीं मिला। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात को लेकर दुख भी जाहिर किया था और इसको बेहद ही निराशाजनक बताया था।
“मुझे अवार्ड देने का क्या मतलब है?”
आपको बता दें साल 2019 के दौरान जलज सक्सेना (Jalaj Saxena) को माधव राव सिंधिया अवॉर्ड के लिए चुना गया था। लेकिन इस अवॉर्ड के मिलने के बाद उन्होंने जो कहा उसे सुनकर हर किसी के मन में एक ही सवाल था कि आखिर इस खिलाड़ी के साथ ऐसा क्यों हो रहा है। उन्होंने दुखी होते हुए एक इंटरव्यू में कहा, “आप मुझे अवॉर्ड दे रहे हो, लेकिन रिवॉर्ड नहीं। मुझे बीते 4 सालों से भारत A टीम के लिए भी कॉल नहीं आया, तो ऐसे में मुझे अवॉर्ड देने का क्या मतलब है? यह अब मुझे अपनी बेस्ती लगता है। मैं तनावग्रस्त हो गया हूं।”
जलज सक्सेना के प्रदर्शन पर एक नजर
घरेलू क्रिकेट में जलज सक्सेना दो मध्य प्रदेश और केरला की तरफ से खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 143 फर्स्ट क्लास मैचों की 222 पारियों में 6795 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 33.97 का रहा है। तो वहीं गेंदबाजी करते हुए जलज ने 452 विकेट झटके हैं। आपको बता दें इशके अलावा वो तीन बार इंडिया ए के लिए भी खेल चुके हैं और उन मैचों में भी उनका प्रदर्शन गेंद और बल्ले से शानदार ही रहा है।
37 साल के हो चुके जलज ने अब इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने की उम्मीद भी छोड़ दी होगी लेकिन अगर मैनेजमेंट सही तरीके से चयन करती तो शायद टीम इंडिया (Team India) के इस भविष्य का ये टैलेंट बर्बाद ना हुआ होता।
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