इन 5 दिग्गज खिलाड़ियों का करियर क्रिकेट बोर्ड से दुश्मनी के कारण हुआ खत्म

Table of Contents
किसी भी खेल को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्रिकेट बोर्ड की जरूरत होती है. बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच का रिश्ता काफी नाजुक होता है, इसलिए खिलाड़ियों को बोर्ड से रिश्ते मधुर बनाकर रहना पड़ता है, क्योंकि जब एक खिलाड़ी के तौर पर आप क्रिकेट बोर्ड से खटास करते हो तब इसमें बोर्ड का नहीं खिलाड़ियों का ही नुकसान ज्यादा होता है.
यदि क्रिकेट बोर्ड और किसी भी खिलाड़ी के बीच रिश्ता अच्छा न हो उस क्रिकेटर का करियर खत्म भी हो सकता है. आज हम कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के बारें में बात करेंगे, जिनका रिश्ता क्रिकेट बोर्ड से अच्छा नहीं होने के कारण उस खिलाड़ी का करियर चौपट हो गया और उस खिलाड़ी को संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा.
इस लिस्ट में शामिल 5 खिलाड़ी है जो बहुत अधिक प्रतिभाशाली रहे हैं. हालाँकि बोर्ड ने उन्हें अपने देश के लिए उस प्रतिभा को दिखाने का पूरा अवसर नहीं दिया.
5, गौतम गंभीर
भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज गौतम गंभीर भारत के सफल बल्लेबाज रहे हैं. उन्होंने कठिन परिस्तिथि में कई बार अपनी टीम को यादगार जीत दिलाई हैं, जिसके टी20 वर्ल्ड कप 2007 और 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल प्रमुख हैं. विश्वकप 2011 में गौतम गंभीर की उस अद्भुद पारी को हमेशा याद किया जायेगा.
इन सब के बीच गंभीर का तत्कलीन कप्तान एमएस धोनी के साथ सार्वजनिक रूप से उनकी अनबन भी किसी से छुपी नहीं रही हैं. ख़बरों के मुताबिक, 2012 में कप्तान धोनी और गौतम गंभीर के बीच विवाद की शुरुआत हुई थी. जिसके बाद से वो प्रेस कांफ्रेस में कुछ ऐसे बयान दिए, जिसके बाद बोर्ड धोनी के साथ खड़ा हो गया और गौतम गंभीर को टीम से बाहर कर दिया गया.
जिसके कारण उन्हें धोनी की कप्तानी में ज्यादा मौके मिले और बीसीसीआई ने भी इस विषय पर धोनी का समर्थन किया था. इन सबके बीच गौतम गंभीर ने क्रिकेट को अलिवदा कहकर राजनीति में कदम रखा और सांसद भी बने.
4, ड्वेन ब्रावो
ड्वेन ब्रावो उन खिलाड़ियों में से एक थे जो बोर्ड के साथ सीधे तौर से लड़ाई में शामिल थे. ड्वेन ब्रावो और वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड के बीच विवाद ने टीम से उनके बाहर कर दिया, हालाँकि वह उस समय टीम के कप्तान थे. 2014 में भारत के दौरे पर ब्रावो के साथ अन्य विंडीज खिलाड़ियों ने खिलाड़ियों के वेतन का भुगतान न करने के कारण आगे के मैच खेलने से इनकार कर दिया था.
जिसके बाद उनके और बोर्ड के बीच तनाव काफी ज्यादा बढ़ गया था. इसके आलावा वेस्टइंडीज में घरेलू मैच खेलने के लिए ब्रावो ने बीच में आईपीएल छोड़ने से भी इनकार कर दिया. आखिरकार, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से इस्तीफा देने के बजाय ब्रावो के लिए कोई विकल्प नहीं था. क्योंकि अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया.
जिसके कारण इस खिलाड़ी ने एक बार संन्यास भी ले लिया था. हालाँकि अब फिलहाल उन्होंने टीम में वापसी कर लिया है. और अब उम्मीद है की वो टी20 विश्व कप 2021 में वेस्टइंडीज टीम में शामिल हो सकते हैं.
3, शोएब अख्तर
पूर्व पाकिस्तान गेंदबाज शोएब अख्तर क्रिकेट इतिहास के सबसे घातक तेज गेदबाजों में से एक हैं. अख्तर तीव्र गति के साथ गेंद को दोनों तरफ घुमाने में माहिर थे. लेकिन चोट और विवादों के कारण उनका करियर छोटा रह गया. आईसीसी वर्ल्ड कप 2011 में पीसीबी ने अख्तर के साथ बेहद ख़राब व्यवहार किया.
टीम मैनेजमेंट ने भारत के खिलाफ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2011 के सेमीफाइनल में उन्हें नजरअंदाज कर दिया. इसके पीछे का मुख्य कारण तत्कालीन कप्तान शाहिद अफरीदी वहाब रियाज को अंतिम एकादश में लेना चाहते थे और टीम अफरीदी की पसंद के साथ गई थी.
इस मैच के बाद उन्हें पाकिस्तान के विरुद्ध दोबारा कभी खेलने का मौका नहीं मिला और शोएब को मजबूरन संन्यास का ऐलान करना पड़ा. इसी कारण पाकिस्तान के इस दिग्गज गेंदबाज का करियर समय से पहले ही ख़त्म हो गया था.
2, केविन पीटरसन
केविन पीटरसन इंग्लैंड क्रिकेट के इतिहास के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. खेल के प्रति उनकी कृतज्ञता, दृढ़ संकल्प और समर्पण के कारण उन्होंने अपने करियर के दौरान कई यादगार पारी खेलकर फैन्स को खुश किया हैं. हालाँकि, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के साथ उनक संबंध अच्छे नहीं रहे हैं.
बोर्ड ने उन्हें एक सेल्फिश बल्लेबाज के रूप में चिह्नित किया और कहा कि वह टीम के लिए नहीं खेलते हैं. एशेज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपमानजनक हार के बाद पीटरसन को बलि का बकरा बनाया गया था. बोर्ड ने फैसला किया कि केपी अपने करियर के अंत में हैं, ऐसे में उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाए.
हालाँकि, सच्चाई इन सब से अलग थी क्योंकि बोर्ड के आलावा केपी के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और मुख्य कोच एंडी फ्लावर के साथ भी पीटरसन के रिश्ते मधुर नहीं थे.
1, अंबाती रायडू
इस लिस्ट पांचवां नाम भारतीय टीम के खिलाड़ी अंबाती रायडू का है. उनका करियर भी बोर्ड के साथ लड़ाई के कारण ही खत्म माना जाता है. रायडू ने कई बार बोर्ड से पंगा लिया है. करियर के शुरू में ही उन्होंने आईसीएल में खेल कर बीसीसीआई से पंगा ले किया था. जिसके कारण उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में पर्दापण करने का मौका बहुत समय बाद मिला.
हालाँकि पहले आईपीएल में और उसके बाद भारतीय टीम में उनकी वापसी हो गई थी, लेकिन वो कभी भी टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पाये. विश्व कप 2019 के दौड़ में वो नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए बहुत आगे चल रहे थे, लेकिन उनका चयन अंत समय में नही किया गया. हालाँकि वे चयन के हक़दार थे.
रायडू को वर्ल्ड कप के लिए स्टैंडबाय खिलाड़ियों में रखा गया था लेकिन विजय शंकर के चोटिल होने के बाद भी बोर्ड ने रायडू को नजरंदाज़ करके ऋषभ पंत को चुना था. इसके बाद रायडू सोशल मीडिया पर टीम मैनेजमेंट पर सवाल उठाये थे, जिसके कारण उन्होंने संन्यास लेने का फैसला भी कर लिया था. हालाँकि उन्होंने अब वापसी कर ली है. और जल्द ही आईपीएल में दिखाई भी देंगे.
Tagged:
केविन पीटरसन ड्वेन ब्रावो गौतम गंभीर