3 कारण, क्यों हार्दिक पांड्या नहीं है भारत की कप्तानी के लायक, इस सीनियर खिलाड़ी को बनना चाहिए तीनों फॉर्मेट का कप्तान

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Manvi Nautiyal
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धाकड़ ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) सीमित ओवरों के क्रिकेट में रोहित शर्मा की जगह कप्तान बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। उन्होंने कई मौकों पर भारत का नेतृत्व करने की क्षमता दिखाई है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड हार्दिक पंड्या को तब से कप्तान के रूप में देख रहा है जब से उन्होंने गुजरात टाइटंस को आईपीएल 2022 चैंपियन बनाया है।

आईपीएल 2023 में ही उन्होंने टीम को फाइनल तक पहुंचाया था। उन्होंने एक कप्तान के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है। इसी वजह से उन्हें भारतीय टीम का कप्तान माना जा रहा है, लेकिन कुछ लोगों का ये भी कहना है कि हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) टीम इंडिया के कप्तान बनने के सही दावेदार नहीं हैं।

इन प्रशंसकों के लिए रवींद्र जड़ेजा एक बेहतर कप्तान हैं। ऐसे में आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए उन तीन कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस बात का सबूत है कि रवींद्र जडेजा हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) से अच्छे कप्तान बन सकते हैं।

3 कारण क्यों Hardik Pandya नहीं है भारत की कप्तानी के लायक

फिटनेस

Hardik Pandya

सबसे बड़ा कारण जो रवींद्र जडेजा को हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) से बेहतर बनाता है, वो है फिटनेस। रवींद्र जडेजा ने इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया में वापसी की थी। एशिया कप 2022 के दौरान चोटिल हो जाने के बाद उन्हें सर्जरी से गुजरना पड़ा था। उनके घुटने में चोट लग गई थी और इसी वजह से उन्हें पांच महीनों के लिए क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। हालांकि, क्रिकेट से फिर जुड़ जाने के बाद रवींद्र जडेजा तहलका मचाते नज़र आए।

उन्होंने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाज़ी से विरोधी टीम पर जमकर कहर ढाया। जबकि हार्दिक पंड्या ने भी एक साल के बाद कमबैक किया था, लेकिन वह अपने प्रदर्शन से कुछ खास नहीं कर सके। अभी भी उन्हें अपनी फिटनेस को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हे कई बाद फील्डिंग या गेंदबाजी के बाद डग आउट में बैठा देखा गया है।

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आंकड़े हैं बेहतर 

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कप्तानी के दबाव के कारण हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) का प्रदर्शन ग्राफ काफी गिरावट हुई है। बतौर कप्तान वह भले ही शानदार प्रदर्शन दिखाते हैं, लेकिन खिलाड़ी के तौर पर वह फ्लॉप हो रहे हैं। 29 वर्षीय खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए अधिक घातक साबित हो सकते हैं, अगर वे टीम का नेतृत्व करने के दबाव के बजाय अपने खेल पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें।

जबकि रवींद्र जडेजा को अभी तक भारतीय टीम की कप्तानी का मौका नहीं मिला है। इसलिए बीसीसीआई एक बार रवींद्र जडेजा को कप्तान की जिम्मेदारी देकर आजमाना चाहेगी। बता दें कि रवींद्र जडेजा ने 308 इंटनरेसशल मैच में उन्होंने तीन शतक की मदद से 5821 रन बनाए और 520 विकेट चटकाई हैं। दूसरी ओर, हार्दिक पंड्या ने 178 मैच में 3532 रन ठोके और 163 विकेट लिए।

युवा खिलाड़ियों के प्रति व्यवहार

Hardik Pandya

तीसरा और आखिरी कारण है हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) का टीम के खिलाड़ियों के प्रति व्यवहार। दरअसल, उन्हें अक्सर खिलाड़ी के साथ सरेआम बदतमीजी करते हुए देखा गया है। इसके अलावा हाल ही में एक और ऐसा वाकया सामने आया है, जिसकी वजह से फैंस ने हार्दिक पंड्या को स्वार्थी कप्तान का टैग दे दिया। दरअसल, 8 अगस्त को वेस्टइंडीज और भारत के बीच टी20 मैच खेला गया था।

हुआ ये कि जब भारतीय टीम को जीत के लिए दो रन की दरकार थी, तब तिलक वर्मा 49 रन बना चुके थे और उन्हें अर्धशतक पूरा करने के लिए एक रन की ही जरूरत थी। लेकिन युवा बल्लेबाज अर्धशतक ठोक पाता उससे पहले ही हार्दिक पंड्या ने छक्का जड़ मैच खत्म कर दिया। इसी वजह से उन्हें खूब खरी-खोटी सुननी पड़ी। 

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