पिछले कुछ समय से क्रिकेटरों की एक मांग सामने आ रही है की BCCI अब अपने खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग खेलने की इजाजत दे. अब तक बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को आईपीएल के अलावा किसी अन्य टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देती है.
जिस भी खिलाड़ी को वो टी20 लीग में खेलना है. वो पहले संन्यास की घोषणा कर दें और उसके बाद ही उन्हें उस लीग में खेलने की इजाजत मिलेगी. हम आपको उन 3 बड़ी वजहों के बारें में बताएँगे. जिसके कारण BCCI नहीं चाहती की उनके खिलाड़ी विदेशी टी20 लीग खेले.
1. आईपीएल पर पड़ेगा इसका असर
आईपीएल की सफलता पर नजर डाले तो वो लगातार आगे ही बढ़ती जा रही है. हालाँकि विदेशी टी20 लीग को ये सफलता नहीं हासिल हुई है. जिसका सबसे बड़ा कारण है भारतीय खिलाड़ियों का इन टूर्नामेंट में नहीं खेलना. जो अभी आईपीएल की ताकत है.
आईपीएल में भारतीय खिलाड़ी खेलते हैं. इसी वजह से दर्शक इसे देखते हैं. अगर यही भारतीय खिलाड़ी बिग बैश और सीपीएल में भी नजर आयेंगे तो फैन्स के नजरों में आईपीएल का महत्व इतना ज्यादा नहीं रहेगा. जिसके कारण फैन्स की संख्या कम हो जाएगी. जिसका नुकसान BCCI को होगा.
इसी वजह से ही बीसीसीआई नहीं चाहती है की भारत के खिलाड़ी विदेशी टी20 लीग खेले. जिसके कारण ही वो उन्हें इजाजत नहीं देते हैं. संन्यास लेकर जाने के बाद से उन भारतीय खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू गिर जाती है. जिसके कारण विदेशी लीग को बहुत फायदा नहीं होता.
2. युवा खिलाड़ियों पर पड़ेगा बुरा असर
वेस्टइंडीज टीम की जो इस समय हालात है. उसे देखकर भी BCCI डरी हुई है. जहाँ पर खिलाड़ी अपने देश से खेलने के बजाय टी20 लीग खेलते हुए नजर आते हैं. उसके बाद जब मन करता है तो वो आकर अपने देश के लिए भी खेल लेते हैं. जो अपने टीम के साथ बीसीसीआई नहीं करना चाहती है.
यदि उन टी20 लीग में भारतीय खिलाड़ियों को आसानी से प्रवेश मिला तो युवा खिलाड़ियों पर इसका बुरा असर जरुर पड़ेगा. जिसके बाद युवा खिलाड़ी भी देश से खेलने के बजाय कई टी20 लीग में खेलना पसंद करेंगे. जिससे भारत की टीम मजबूत नहीं रह पायेगी.
अब इसी को देखते हुए ही BCCI नहीं चाहती है की बिना संन्यास लिए कोई भी खिलाड़ी विदेशी टी20 लीग खेले. जो खिलाड़ी टीम में नहीं होता है. फिर उसका कद गिर जाता है. जिसके कारण खिलाड़ी संन्यास लेने से बचते हैं और वो टी20 लीग कम खेलते हैं.
3. आर्थिक रूप से मजबूती चाहती है BCCI
सबसे सफल क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई की मजबूती उनके खिलाड़ी दिग्गज खिलाड़ी और आईपीएल जैसी लीग है. यदि विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे बड़े नामों पर सिर्फ बीसीसीआई का अधिकार नहीं रहा तो फिर बोर्ड को बड़ा आर्थिक नुकसान भी होगा.
आर्थिक रूप से कमजोर होने पर आईसीसी के सामने भी BCCI की ताकत कम होगी. जिसके कारण ही बीसीसीआई एक खास क्रिकेट बोर्ड नहीं बना रह पायेगा.
अगर हर तीसरे दिन ही विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खेलेंगे तो फिर मार्केट में उनकी ब्रांड वैल्यू भी गिरेगी. यदि इन खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू गिरी तो उसका सीधा असर बीसीसीआई के कमाई पर होगा. जिसे बीसीसीआई नहीं झेल पायेगा. इसी वजह से वो खिलाड़ी को अन्य टी20 लीग से दूर रखते हैं.