Ranji Trophy 2022: भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने के बाद कप्तान यश ढुल (Yash Dhull) ने रणजी टॉफी में भी अपना लोहा मनवाया है. यश ढुल ने अपनी बल्लेबाजी से हर किसी को दीवाना बना लिया है. इनका बल्लेबाजी करने अंदाज और खिलाड़ियों से काफी अलग है. जिसकी वजह से इन्हें रन मशीन के नाम से जाने लगा है. इन दिनों यश ढुल (Yash Dhull) बल्ला जमकर बरस रहा है. अंडर-19 वर्ल्ड कप के बाद रणजी टॉफी (Ranji Trophy) में शानदार बल्लेबाजी की. उन्होंने 6 पारियों में 119.7 की औसत से 479 रन अपने नाम किए हैं.
Yash Dhull ने रणजी टॉफी में डेब्यू किया शानदार
यश ढुल (Yash Dhull) की बल्लेबाजी की चर्चा हर तरफ हो रही है. भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले कप्तान यश ढुल रणजी ट्रॉफी में लगातार कमाल कर रहे हैं. इस खिलाड़ी ने डेब्यू मैच की दोनों पारियों में शतक जमाया. वो 3 रणजी मैच में तीन शतक लगा चुके हैं. डेब्यू मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले ढुल ने छत्तीसगढ़ के खिलाफ शानदार दोहरा शतक लगाया.
यश ढुल ने दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया. जिसमें उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए सबका दिल जीत लिया. फर्स्ट क्लास करियर में आगाज करने वाले यश पहले ही मैच में महज 150 गेंदों में 113 रन वनाए .वहीं दूसरी पारी में भी ढुल ने नाबाद 113 रन बना डाले. इस खिलाड़ी ने अब तक 6 मैच खेले, जिसमें इनके बल्ले से ताबड़तोड़ 479 रन बनाए. इस खिलाड़ी को भविष्य का विराट कोहली माना जा रहा है. क्योंकि जिस अंदाज से ढुल रन बना रहे हैं वो अपने आप में काबिल-ए-तारिफ है.
ढुल को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने किया संघर्ष
डर-19 वर्ल्ड कप जिताने के बाद कप्तान यश ढुल (Yash Dhull) आज जिस मुकाम पर हैं, इसके पिछे उनके पिता का कड़ा संघर्ष रहा है. पिता अपने बच्चों के करियर बनाने के लिए अपने सपनो की कुर्बानी दे देता है. ऐसा ही कुछ यश ढुल के पिता ने उन्हें क्रिकेचर बनाने में काफी स्पोर्ट किया. पिता ने ढुल को क्रिकेटर बनाने के लिए वो काम किया है जिसे करने का साहस बहुत कम लोगों में होता है. विजय ढुल ने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए नौकरी तक छोड़ दी.
क्रिकेट की दुनिया में बुलंदियों तक पहुंचा कोई आसान नहीं होता. लाखों युवाओं के सपने चूर हो जाते हैं पर वो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी एंट्री नहीं कर पाते. क्योकि एक खिलाड़ी को सफल होने में काफी समय और पैसा दोना लगता है. फिर भी कोई गारंटी नहीं होती की आप एक दिन नेशनल टीम के लिए खेलेंगे या नहीं. विजय ढुल के पिता यानि यश के दादा की पेंशन से घर चलता था. विजय ढुल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपने घर के खर्चों में कटौती कर बेटे को महंगे बल्ले दिला. जिससे कि वो रन बना सके. ढुल ने वीनू मांकड ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 302 रन ठोके. जिसकी वजह से ढुल को भारत की अंडर-19 टीम का कप्तान बनने का मौका मिला.
बस अब है आईपीएल का इंतजार
यश ढुल (Yash Dhull) ने अंडर-19 वर्ल्ड और रणजी टॉफी मे जिस तरह की बल्लेबाजी की है. इस लिहास से उनका आईपीएल के 15वें सीजन में खेलना तय माना जा रहा था. आईपीएल में खेलना हर एक खिलाड़ी का सपना होता है. वही इस साल इस खिलाड़ी का सपना पूरा होने जा रहा हैं. U-19 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान यश धुल को दिल्ली कैपिटल्स टीम ने 50 लाख रुपये में खरीद लिया. जबकि यश ने मेगा ऑक्शन में अपना बेस प्राइस 20 लाख रुपये रखा था.
आईपीएल 2022 के 15वें सीजन में इस खिलाड़ी को दिल्ली कैपिटल्स की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाता है तो ये खिलाड़ी रन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.अपनी काबिलियत दिखाने के लिए आईपीएल बहुच बड़ा मंच है.वैसे यश ढुल को अपनी काबिलियत दिखाने की जरूरत है नही, क्योंकि वो पहले ही अंडर-19 वर्ल्ड और रणजी टॉफी में दिखा चुके है. बस यश ढुल को एक मौके की तलाश है. जिस पर वो खरा उतराना चाहेंगे.