Team India vs New Zealand के बीच खेले जा रहे कानपुर टेस्ट मैच में मेजबानों का पलड़ा भारी है। आखिरी दिन भारत को जीतने के लिए 9 विकेट की जरुरत है, क्योंकि कीवी टीम 280 रनों से पीछे है। इस मैच में भारत की दूसरी पारी के दौरान विकेटकीपर-बल्लेबाज रिद्दिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली। जिसने ना केवल सभी का दिल जीत लिया, बल्कि भारत को इस मजबूत परिस्थिति में लाकर खड़ा किया, जहां से वह जीत की लकीर साफ दे पा रहा है।
Wriddhiman Saha ने जाहिर की दिल की बात
Success is not in what you have, but who you are. Glad to contribute to the Team’s cause. @BCCI #IndVsNZ #TeamIndia #India pic.twitter.com/J1XydEyFng
— Wriddhiman Saha (@Wriddhipops) November 28, 2021
भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज Wriddhiman Saha ने दूसरी पारी में अपने बल्ले से एक शानदार पारी खेली। साहा को दूसरी पारी के दौरान 8वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। जहां, साहा ने अपने बल्ले से लंबे वक्त बाद अर्धशतकीय पारी खेली। ये पारी उस वक्त आई, जब भारतीय टीम मुश्किल में थी।
साहा ने 61 (126) रनों की नाबाद पारी खेलकर भारत को 283 रन की अहम बढ़त बनाने में अहम भूमिका निभाई। अपनी लाजवाब पारी के बाद साहा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया, जिसमें तस्वीरें थीं और कैप्शन में लिखा- "जो आपके पास है वो सफलता नहीं है, बल्कि आप जो हैं वह सफलता है। मुझे टीम के स्कोर में योगदान देकर काफी अच्छा महसूस हो रहा है।"
4 साल बाद आया अर्धशतक
Wriddhiman Saha ने कानपुर के ग्रीन पार्क में एक अहम अर्धशतकीय पारी खेली। उन्होंने 61* रन बनाकर जो योगदान दिया, यकीनन भारतीय टीम के लिए अहम रहा। अब यदि साहा के आंकड़ों पर नजर डालें, तो उनके बल्ले से पिछली बार अर्धशतक 2017 श्रीलंका दौरे पर निकला था। जहां, उन्होंने 67 रन बनाए थे। इसके बाद से उनके बल्ले से बड़ी पारी नहीं निकल सकी। अब यकीनन इस पारी ने अनुभवी विकेटकीपर को आत्मविश्वास दिया होगा।
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि साहा एक विश्व स्तरीय विकेटकीपर हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाजी हमेशा ही सवालों के घेरे में आती रही है। ऋषभ पंत के आने के बाद से वह टेस्ट टीम के सेकेंड ऑप्शन बन गए हैं। बताते चलें, साहा की गर्दन में समस्या थी, इसके बावजूद वह बल्लेबाजी के लिए उतरे और यादगार पारी खेली। जबकि विकेटकीपिंग के लिए बैकअप विकेटकीपर श्रीकर भरत ने दस्तानों की जिम्मेदारी संभाली।