विश्व गौरैया दिवस स्पेशल: जब भारतीय क्रिकेटर के शॉट के चपेट में आकर गौरैया की हुई थी मौत

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Shilpi Sharma
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World Sparrow Day 2021

दुनिया भर में आज 'विश्व गौरैया दिवस' (World Sparrow Day) मनाया जा रहा है. 20 मार्च को हर साल गौरेया के नाम यह सेलिब्रेशन होता है. इसका खास मकसद पक्षी की सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. क्योंकि बीते कई सालों से लगातार इस प्रजाति की चिड़िया धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है. इस पक्षी से जुड़ा क्रिकेट का भी एक इतिहास रहा है.

क्रिकेट से जुड़ा है गौरेया दिवस का इतिहास

World Sparrow Day

दरअसल एक दौर था, जब इस प्रजाति के पक्षी हर जगह देखने को मिल जाते थे. लेकिन आज के समय में इस चिड़िया का अस्तित्व खतरे में आ चुका है. विलुप्त हो रहे गौरैया के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साल 2010 में पहली बार दुनिया भर में 'विश्व गौरैया दिवस' (World Sparrow Day) मनाया गया था.

इसके बाद से ही हर साल 20 मार्च को जागरूकता के आधार पर यह दिवस मनाया जाता है. लेकिन इस पक्षी से क्रिकेट का भी एक पुराना इतिहास रहा है. जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. ऐसे में इस खास दिन पर हम आपको उसी कहानी के बारे में बताएंगे.

World Sparrow Day पर जानें कैसे जहांगीर की गेंद पर हुई थी गौरेया की मौत

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साल 1936 की बात है, जब भारत देश अंग्रजों का गुलाम हुआ करता था. इस साल इंग्लैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के बीच एक मुकाबला खेला गया था. इस मैच में भारत के जहांगीर खान (Jahangir khan) कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की तरफ से मैच में खेलने के लिए उतरे थे.

मुकाबले के दौरान ही अचानक से जब जहांगीर गेंदबाजी कर रहे थे, तभी अचानक से वहां एक गौरैया उनकी आक्रामक गेंद की चपेट में आ गई. जहांगीर के गेंद की स्पीड इतनी तेज थी कि, वो गौरैया बुरी तरह से चोटिल होकर वहीं मैदान पर ही गिर पड़ी थी.

स्पैरो ऑफ लॉर्ड्स में गेंद के साथ रखी है कि गौरया

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गंभीर चोट लगने के बाद मैदान पर गिरी गौरेया दोबारा उठ नहीं सकी. इसके कुछ देर बाद उसने क्रिकेट के मैदान पर ही दम तोड़ दिया. इस हादसे के बाद उस गौरैया को उसी गेंद के साथ लॉर्ड्स के म्यूजियम में रख दिया गया. जिसे बाद में 'स्पैरो ऑफ लॉर्ड्स' (World Sparrow Day) का नाम दिया गया. हर साल विश्व गौरेया दिवस पर लोगों के बीच यह हादसा हमेशा याद किया जाता है.

दरअसल आजादी से पहले भारत के लिए जहांगीर खान ने कुल 4 टेस्ट मैच खेले थे. इसके बाद वो भारतीय टीम के चयनकर्ता के पद पर भी रहे थे. लेकिन देश के विभाजन के बाद उन्हें पाकिस्तान जाना पड़ा. पाकिस्तान में रहते हुए भी वो क्रिकेट जगत से जुड़े रहे. इसके बाद उन्हें राष्ट्रीय टीम के सेलेक्टर की भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

भारतीय क्रिकेट टीम