Border Gavaskar Trophy: टीम इंडिया इस समय न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रही है। इस सीरीज का आखिरी मैच 1 नवंबर से खेला जाएगा। फिर इस श्रृंखला के बाद टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जहां टीम इंडिया को मेजबान के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है।
टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जीत की हैट्रिक का सपना देख रही है। लेकिन इस बार ये बिल्कुल भी आसान नहीं है। खासकर अगर एक मैच विनर खिलाड़ी कंगारू दौरे पर चोटिल हो जाए तो भारतीय टीम के लिए एक भी मैच जीतना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि भारत के पास फिलहाल उस खिलाड़ी का कोई रिप्लेसमेंट नहीं है। अब आइए जानते हैं कौन है ये बल्लेबाज?
Border Gavaskar Trophy में इस खिलाड़ी की होगी अहम भूमिका
मालूम हो कि पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की जीत में ऋषभ पंत ने काफी अहम भूमिका निभाई थी। गाबा में खेले गए सीरीज के निर्णायक मैच में उन्होंने 89 रनों की पारी खेली। इतना ही नहीं, उन्होंने विकेट के पीछे बल्ले से भी अहम योगदान दिया। इस बार भी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) में ऋषभ टीम इंडिया के लिए अहम भूमिका निभाने वाले खिलाड़ी हैं। इस बार भी उनके कंधों पर काफी जिम्मेदारी है। लेकिन अगर वह गलती से चोटिल हो गए। तो दौरे पर भारत के लिए काफी मुश्किल हो जाएगी।
ऋषभ पंत के कंधों पर अहम जिम्मेदारी होगी
बेशक, टीम इंडिया के पास ध्रुव जुरेल के रूप में दूसरे विकेटकीपर का विकल्प है। लेकिन हाल के दिनों में पंत ने टेस्ट क्रिकेट में जो भूमिका निभाई है। वह काफी अलग और शानदार है। यह तो सभी जानते हैं कि पंत भले ही व्हाइट बॉल क्रिकेट में एक साधारण खिलाड़ी हों लेकिन रेड बॉल क्रिकेट में उनका दबदबा देखने को मिला है।
वह इस फॉर्मेट में तेजी से रन बनाने के लिए जाने जाते हैं, जहां टेस्ट क्रिकेट में सभी बल्लेबाजों को रन बनाने में काफी समय लगता है। पंत वनडे में टेस्ट की तरह बल्लेबाजी करते हैं। यही वजह है कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) में भारत के लिए उनकी काफी अहम भूमिका है। हैरानी की बात ये भी है कि ये सीरीज ध्रुव जुरेल की पहली सीरीज होगी, ऐसे में उनके लिए विदेशी पिच पर ढल पाना मुश्किल होगा।
पिछले दौरे पर ऐसा रहा था पंत का प्रदर्शन
पिछले टेस्ट सीरीज में ऋषभ पंत के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने तीसरे टेस्ट में 118 गेंदों पर 97 रन बनाकर मैच को ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई थी, जबकि ब्रिसबेन में सीरीज के आखिरी टेस्ट में उन्होंने 138 गेंदों पर नाबाद 89 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी। इस मैच को जीतने के साथ ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया (Border Gavaskar Trophy)को चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से हरा दिया था।
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