मैन ऑफ द मैच (Man of the match) नाम आते ही दिमाग एक तस्वीर सामने आ जाती है. इस अवार्ड को पाने वाले खिलाड़ी ने कुछ ना कुछ बड़ा कारनामा किया होगा. जिसकी वजह से वो खिलाड़ी मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया. जैसा कि हम मैच के दौरान देखेते हैX.
आज हम इस आर्टिकल में ऐसे मैन ऑफ द मैच (Man of the match) के बारे में जानने की कोशिश करेंगे. जिन्होंने मैदान पर कोई विकेट ना लिया उसके बावजूद भी उन्हें इस पुरस्कार सम्मानित किया. क्या आपने कभी सोचा है कि किसी खिलाड़ी ने ना तो बल्लेबाजी की और नाही गेंदबाजी की, फिर भी उसे मैन ऑफ द मैच दिया गया.
ये जानकर आपको थोड़ी हैरानी जरूर हुई होगी, लेकिन ये बात सच है. क्रिकेट के मैदान ऐसी कुछ अजीबो गरीब घटनाएं देखी गई है. आइए एक नजर डालते हैं ऐसे ही तीन अजीबो गरीब मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड पर.
ग्राउंड्समैन के लिए मैन ऑफ द मैच
क्रिकेट में कुछ ऐसे पल आते है, जो हमेशा के लिए एक गहरी छाप छोड़ जाते है. क्या आपने कभी सोचा है कि ग्राउंड्समैन मैन ऑफ द मैच (Man of the match) दिया जा सकता है. जी हां ये बात सच है. इतिहास गवाह है दिसंबर 2000 में वांडरर्स में दक्षिण अफ्रीका और न्यूज़ीलैंड के बीच यह तीसरा टेस्ट था. बारिश ने पहले दिन का खेल खत्म कर दिया.
हालांकि, ग्राउंड्समैन (Groundsmen) क्रिस स्कॉट और उनकी समर्पित टीम ने पानी की निकासी के लिए कड़ी मेहनत की और दूसरे दिन खेल को संभव बनाया. उनके काम को पहचानने के लिए मैच अधिकारियों ने क्रिस स्कॉट को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया. इसलिए कहते क्रिकेट मैच के सुचारू संचालन में ग्राउंड्समैन की बहुत बड़ी भूमिका होती है.
ना बल्लेबाजी, ना गेंदबाजी, फिर भी मिला मैन ऑफ द मैच
साल 1986 में शारजाह चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ के खिलाफ गस लोगी को बिना गेंदबाजी और बल्लेबाजी किए ही मैन ऑफ द मैच (Man of the match) दिया गया. क्योंकि उन्होंने तीन कैच लिए और दो रन आउट हुए. वहीं अगर उस मैच की बात की जाए तो कर्टनी वॉल्श ने चार विकेट लिए जबकि सलामी बल्लेबाज गॉर्डन ग्रीनिज और डेसमंड हेन्स ने अर्धशतक लगाया.
फिर भी गस लोगी को उनके क्षेत्ररक्षण प्रयासों के लिए मैन ऑफ द मैच दिया गया. ऐसे कई मौके आए हैं जब क्षेत्ररक्षकों को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया. लेकिन यह इकलौता उदाहरण था जब खिलाड़ी को बल्ले और गेंद से बिना किसी योगदान के मैन ऑफ द मैच के मौके से नवाजा गया
कोई विकेट न लेने के बावजूद मिला अवॉर्ड
साल 2001 त्रिकोणीय श्रृंखला खेली गई. जिसमें भारत समेत जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज ने हिस्सा लिया. वेस्टइंडीज की टीम ने उस मुकाबले में 266 रन बनाए. जिसमें क्रिस गेल, डैरेन गंगा और शिवनारायण चंद्रपॉल के अर्धशतकों का अहम योगदान रहा. जिम्बाब्वे की टीम इस लक्ष्य का पिछा करते हुए 27 रनों से हार गया. वहीं मर्विन डिलन और मार्लन सैमुअल्स ने तीन-तीन विकेट अपने नाम किये थे. उसके वाबजूद उस मैच में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार कैमरून कफी को दिया गया.