भारतीय क्रिकेट टीम आगामी 4 अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी. इसका शुरूआत से पहल वीवीएस लक्ष्मण (VVS laxman) ने चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को बड़ी सलाह दी है. बीते कुछ वक्त से इस मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज की किस्मत लगातार धोखा दे रही है. यही वजह है कि, कई बड़े दिग्गज उन्हें इलग-अलग तरह की सलाह देने में लगे हैं. सीरीज का पहला टेस्ट मैच नाटिंघम के ट्रेंटब्रिज के मैदान पर खेला जाएगा.
पूर्व क्रिकेटर ने पुजारा को गेम में सुधार लाने की दी सलाह
बीते तीन दौरे कि बात करें तो अभी तक इंग्लैंड, भारत पर हावी रहा है और सीरीज पर कब्जा करने में भी कामयाब रहा है. जाहिर सी बात है कि, इस बार भारत एक नए इतिहास रचने की तलाश में होगा और जीत के सूखे को इंग्लैंड में खत्म करना चाहेगा. आखिरी बार टीम इंडिया ने इंग्लिश कंडीशन में साल 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में सीरीज जीती थी.
उस जीत का हिस्सा भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण (VVS laxman) भी थे. जिन्होंने होने वाली श्रृंखला के आगाज से पहले ही ये अल्टीमेटम जारी कर दिया है कि, यदि टीम इंडिया वाकई इंग्लैंड (IND vs ENG) में जीतना चाहती है तो चेतेश्वर पुजारा को अंग्रेजी टीम के खिलाफ अपने रिकॉर्ड में सुधार लाना होगा.
अपने खराब फॉर्म से पुजारा भी हैं वाकिफ- पूर्व भारतीय क्रिकेटर
इस सिलसिले में पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण (VVS laxman) ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए कहा कि,
'इस बात में कोई संदेह नहीं है कि, पुजारा को अपने खराब फॉर्म के बारे में ध्यान जरूर होगा. जहां तक बड़े सौ की बात है तो आप पुजारा से ऐसी उम्मीद जरूर करते हैं. पुजारा नम्बर 3 पर बल्लेबाजी करते हैं जो कि दोनों सलामी बल्लेबाजों के साथ ही एक बहुत महत्त्वपूर्ण नंबर है.'
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई आखिरी सीरीज के बाद से पुजारा के बल्ले से सिर्फ एक ही अर्धशतक निकल पाया है. लेकिन इससे पहले जब भारत आखिरी बार इंग्लैंड दौरे पर पहुंचा था उस वक्त उनके बल्ले से एक शतकीय पारी भी निकली थी.
राहुल द्रविड़ की तरह पुजारा को इंग्लैंड में खेलनी होगी पारी
वीवीएस लक्ष्मण (VVS laxman) यहीं नहीं रूके उन्होंने अपना बात तो आगे बढ़ाते हुए कहा कि,
'साल 2002 और 2007 में हमारी जीत की वजह टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों और नम्बर 3 के खिलाड़ी का बेहतरीन प्रदर्शन करना था. नंबर 3 पर हमारे पास राहुल द्रविड़ थे. यदि एक बार टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज पारी की मजबूत नींव रखते हैं तो मध्यक्रम के बल्लेबाजों को अपना स्वाभाविक खेल खेलने का मौका मिलता है और ऐसा करके आप पहली पारी में एक अच्छा स्कोर बना लेते हैं जहां से पूरा गेम आपके मुताबिक चलता है.'
इस बारे में पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि,
"इस दौरे पर पुजारा भारत के लिए वही भूमिका निभा सकते हैं जो कभी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ (rahul dravid) ने निभाई थी. साल 2002 के इंग्लैंड दौरे पर द्रविड़ ने चार टेस्ट में 602 रन, 2007 के दौरे पर तीन टेस्ट मैचों में 126 रन और 2011 के दौरे पर चार टेस्ट में 461 रन बनाए थे. यदि पुजारा द्रविड़ की तरह इंग्लैंड में पारियां खेलने में कामयाब होते है यकीनन भारत इंग्लैंड में तिरंगा गाड़ सकता है".