नॉटिंघम टेस्ट के दूसरे सेशन में भारतीय क्रिकेट टीम की शुरूआत बेहद खराब रही. पहले सेशन में 1 विकेट खोने के बाद दूसरे सेशन में कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) से लेकर पुजारा और रहाणे समेत तीन अहम विकेट भारत ने गंवा दिए हैं. मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों से जिस तरह की उम्मीद थी, उस पर एक भी खिलाड़ी खरा नहीं उतर सका. यहां तक कि, भारतीय कप्तान भी गोल्डन डक आउट होकर सस्ते में निपट गए.
भारतीय कप्तान की कमजोरी बनी उनके टेस्ट करियर रूकावट
एक लंबे अरसे से कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) टेस्ट प्रारूप में शतकीय पारी से काफी दूर रहे हैं और इसके लिए लगातार संघर्ष करते रहे हैं. टेस्ट करियर में बतौर कप्तान ये 9वीं बार है जब वो डक आउट हुए हैं. इसके कारण टीम इंडिया खतरे में भी पड़ चुकी है. ऐसा लगता है कि, जैसे अब गेंदबाज अब उनकी कमजोरी को पूरी तरह से भांप चुके हैं. शायद यही वजह है कि बॉलर्स उनकी उसी कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं.
दूसरे सेशन में बल्लेबाजी करने उतरे कप्तान का शिकार जेम्स एंडरसन ने किया. इस तरह भारत को सबसे बड़ा झटका लगा. एक तरफ जहां फैंस उनके बल्ले से शतक के सूखे का इंतजार खत्म होते हुए देखना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरह वो बार-बार क्रिकेट प्रेमियों को अपने खराब प्रदर्शन से निराश कर रहे हैं. जिस तरह से वो लगातार आउट हो रहे हैं उससे एक बात स्पष्ट हो गई है कि उनकी कमजोरी अब लोगों के सामने आ चुकी है.
स्विंग और शॉर्ट गेंदों पर लगातार कप्तान खो रहे हैं अपना विकेट
दरअसल टेस्ट के महान बल्लेबाजों की लिस्ट शुमार विराट कोहली (Virat Kohli) के नाम एक के बाद एक अब घटिया रिकॉर्ड दर्ज होने लगे हैं. वो टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार जीरो पर आउट होने वाले भारतीय कप्तान बन गए हैं. आज मैच के दूसरे सेशन में बल्लेबाज करने उतरे कप्तान को जेम्स एंडरसन ने विकेट के पीछे जोस बटलर के हाथों कैच कराया. यह गेंद ऑफ स्टंप के बाहर पड़ी जो कोहली की सबसे बड़ी कमजोरी रही है.
भारतीय कप्तान ने एंडरसन की गेंद पर इनस्विंग गेंद के मुताबिक बल्ला घुमाया. लेकिन, गेंद बाहर निकली और बल्ले को छूती हुई जोस बटलर के दस्तानों में पहुंच गई. इसके साथ ही इंग्लिश टीम को सबसे बड़ी सफलता हासिल हुई. इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि, स्विंग और शॉर्ट गेंदे टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी कमजोरी बन गई है. हैरानी की बात तो यह है कि यही गलती वो बार-बार दोहरा रहा हैं.
2021 में ऐसा रहा है कप्तान का टेस्ट में प्रदर्शन
इस साल विराट कोहली (Virat Kohli) के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने कुल 6 टेस्ट मैच खेले हैं. इन 6 मुकाबलों की 9 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 25.44 की बेहद खराब औसत से बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 229 रन बनाए हैं. उनके बल्ले से इस साल सिर्फ 2 ही अर्धशतक निकल सके हैं. उनका उच्चा स्कोर 77 रन का रहा है. तो वहीं टेस्ट प्रारूप में कोहली ने आखिरी बार साल 2019 में शतक जड़ा था. इसके बाद से वो लगातार शतक के लिए संघर्ष कर रहे हैं.