संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान की धरती पर 18 अक्टूबर से आइसीसी टी-20 विश्व कप 2021 का आगाज होगा. विराट कोहली (Virat Kohli) के नेतृत्व में इस मेगा इवेंट के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है. लेकिन, इस टूर्नामेंट के साथ ही मौजूदा कप्तान मेजबानी की डेडलाइन की भी शुरूआत हो चुकी है. क्योंकि इस तरह के संकेत काफी वक्त से मिल रहे हैं.
कप्तान और कोच से ज्यादा धोनी पर है यकीन!
दरअसल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब गंवाने के बाद से ही मौजूदा कप्तान का पद खतरे में नजर आ रहा है. ऐसे में अगर टी20 विश्व कप भी उनके हाथ से निकल गया तो उनकी कप्तानी जा सकती है. इसके एक वजह ये भी रही है कि, भारतीय टीम उनकी कप्तानी में 2017 चैंपियंस ट्राफी और 2019 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप से हाथ धो चुका है. डब्ल्यूटीसी के फाइनल में मिली हार से इस बार बीसीसीआई भी खुश नहीं है.
जुलाई की शुरुआत में ही मुंबई में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और कोषाध्यक्ष अरुण धूमल के बीच हुई मीटिंग में काफी लंबी चर्चा हुई थी. बीसीसीआई और टीम इंडिया (Virat Kohli) के बीच में सेतु का काम करने वाले एक अधिकारी ने टीम के अंदर चल रहीं गतिविधियों को लेकर कई इनपुट साझा किए थे. ऐसे में अब कोच रवि शास्त्री के होने के बाद भी एमएस धोनी को मेंटॉर बनाना बड़ा संकेत माना जा रहा है.
धोनी को टीम में शामिल करना इस बात का देता है संकेत
धोनी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने का एक मकसद बीसीसीआई (BCCI) का ये भी है कि, बोर्ड किसी भी तरह से इस खिताब को अपने नाम करना चाहता है. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि, बोर्ड को शास्त्री और विराट कोहली (Virat Kohli) की प्लानिंग से ज्यादा धोनी के दिमाग पर यकीन है. साथ ही उन्हें इस बात का अंदाजा भी है कि, वो टीम को एकसाथ रखकर सही दिशा में ले जा सकते हैं.
यूएई में धोनी के इन सुझावों का इस बात पर भी असर दिखाई देने वाला है कि, मुख्य कोच रवि शास्त्री और मौजूदा कप्तान प्लेइंग 11 का चयन किस तरह से करते हैं. इस बात से हर शख्स वाकिफ है कि, पंत के मेंटॉर एमएस धोनी हैं और पंत बिना किसी समस्या के अंतिम का हिस्सा होंगे.
डब्ल्यूटीसी में मिली हार के बाद मौजूदा मेजबान की कप्तानी पर हुई थी चर्चा
भारतीय टीम इस वर्ल्ड कप को लेकर कितना सीरियस है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जुलाई में ही टीम इंडिया के कप्तान की भूमिका को लेकर शुरुआत में काफी चर्चा हुई थी. क्योंकि साउथैंप्टन में 18 से 23 जून के बीच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत को हार का सामना करना पड़ा था.
जिसके बाद इस तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थी. बीसीसीआई के एक सूत्र ने दैनिक जागरण को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, बोर्ड के सभी अधिकारी डब्ल्यूटीसी फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार और उसमें दो स्पिनर खिलाने के फैसले से खफा थे.
WTC में 2 स्पिनर को अंतिम 11 में शामिल करने पर नाराज था बोर्ड
एक पदाधिकारी ने मीटिंग में कहा था कि, जब मैच से पहले इतनी बारिश हुई तो दो स्पिनर खिलाने की आवश्यकता क्या थी? इतना ही नहीं भुवनेश्वर कुमार को भी इंग्लैंड दौरे पर नहीं ले जाने और उसके बाद ये जब ऐसी खबर सामने आई कि वो टेस्ट नहीं खेलना चाहते हैं. इस खबर से पदाधिकारी काफी नाराज दिखे थे. इस तरह की खबरों के बाद भूवी को ट्वीट किया था कि, वह सभी प्रारूपों (वनडे, टेस्ट, टी-20) में खेलने के लिए उपलब्ध हैं.
इस बारे में सूत्र ने बताया कि, वहां पर कुलदीप यादव को लेकर भी काफी चर्चा हुई थी. बीसीसीआई के पदाधिकारियों को लगता है कि जिस तरह उन्हें 2019 विश्व कप के बाद से कम मौके दिए गए और बाद में टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया वो वह सही नहीं है.
कप्तान बदलने को लेकर पदाधिकारियों के बीच हुई थी ऐसी चर्चा
इसको लेकर बीसीसीआई में काम करने वाले एक अधिकारी ने टीम के अंदरूनी स्थिति के बारे में और निर्णय लेने वाले तरीकों पर पदाधिकारियों को अपडेट किया था. उस मीटिंग में एक पदाधिकारी ने तीनों प्रारूपों (टी-20, वनडे और टेस्ट) में अलग-अलग 3 कप्तान बनाने का तो दूसरे ने टेस्ट और सीमित ओवरों के फॉर्मेट (टी-20, वनडे) में अलग-अलग कप्तान बनाने की सलाह दी थी. लेकिन, तीसरे पदाधिकारी ने सुझाव देते हुए कहा कि, विश्व कप से पहले कप्तानी में बदलाव करना ठीक नहीं है. इसका निर्णय विश्व कप तक इंतजार करना चाहिए.
इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया कर रही है अच्छा प्रदर्शन
इस मीटिंग के बाद भारतीय टीम इन दिनों इंग्लैंड दौरे पर है और बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने 2-1 से बढ़त बना ली है. हालांकि धोनी को मेंटॉर की जिम्मेदारी देकर बीसीसीआई ने एक बात साफ कर दिया है उन्हें किस पर ज्यादा यकीन है. यदि भारत विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में लगातार चौथी आईसीसी ट्राफी पर कब्जा करने से चूक जाते हैं तो आगामी साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप में रोहित शर्मा कप्तानी करते हुए दिखाई दे सकते हैं. हालांकि टेस्ट फॉर्मेट में वो कप्तान बने रहेंगे क्योंकि इस फार्मेट में टीम बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है.