भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को विश्व क्रिकेट में रन मशीन के नाम से पहचान मिली है। उन्होंने पिछले एक दशक में तमाम रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। लेकिन हर खिलाड़ी को अपने करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना ही पड़ता है। विराट कोहली भी इससे अलग नहीं रहे। हाल ही में विराट ने खुलासा किया कि वह डिप्रेशन के दौर से गुजरे थे। जिसपर फारुख इंजीनियर ने उनकी चुनकी ली है।
2014 में डिप्रेशन में चले गए थे विराट कोहली
भारतीय कप्तान विराट कोहली आज विश्व क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके नाम बड़े-बड़े रिकॉर्ड्स दर्ज हैं और वह लगातार सफलता हासिल कर रहे हैं। लेकिन यदि आप 2014 को याद करें, तो इंग्लैंड दौरा उनके करियर का सबसे खराब दौरा था। जिसे लेकर अब विराट कोहली ने खुलासा किया है कि वह उस वक्त डिप्रेशन में चले गए थे। पूर्व क्रिकेटर और कॉमेंटेटर मार्क निकोल्स के साथ एक पॉडकास्ट में जब विराट से पूछा गया तो उन्होंने बताया,
"हां, मेरे साथ ऐसा हुआ था। यह सोचकर अच्छा नहीं लगता था कि आप रन नहीं बना पा रहे हो और मुझे लगता है कि सभी बल्लेबाजों को किसी दौर में ऐसा महसूस होता है कि आपका किसी चीज पर कतई नियंत्रण नहीं है।"
इतनी खूबसूरत पत्नी हो, वो डिप्रेस्ड हो सकते हैं
भारत के पूर्व क्रिकेटर फारुख इंजीनियर ने विराट कोहली के डिप्रेशन को लेकर किए गए खुलासे पर टिप्पणी की। उनका कहना है कि इतनी खूबसूरत बीवी होने के बाद आप डिप्रेशन में कैसे जा सकते हैं। स्पोर्ट्स कीडा से बातचीत करते हुए फारुख ने कहा,
'आप कैसे ड्रिप्रेस्ड हो सकते हैं अगर आपके पास इतनी खूबसूरत पत्नी है। अब आप पिता बन चुके हैं, भगवान को शुक्रिया कहने के लिए आप के पास कई कारण हैं। डिप्रेशन एक पश्चिमी देशों की सोच है। हम भारतीयों के पास ऐसी उर्जा होती है। जिसके कारण इससे बचा जा सकता है। हमारी मानसिक स्थिति भी बहुत अच्छी है।'
विराट के पास हैं कई लोग, जो दे सकते हैं साथ
फारुख इंजीनियर ने पहली बार विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा को लेकर टिप्पणी नहीं की है। बल्कि वह विश्व कप 2019 के दौरान उन्होंने कहा था कि भारतीय चयनकर्ता अनुष्का शर्मा को चाय परोस रहे थे। इसपर अनुष्का काफी भड़क गई थीं और सोशल मीडिया पर ही पूर्व क्रिकेटर को जवाब दिया था। अब फारुख ने विराट के डिप्रेशन वाले मामले में आगे कहा,
'उनकी जिंदगी में उनका साथ देने वाले लोग थे, लेकिन वह तब भी अकेला महसूस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तब उन्हें प्रोफेशनल मदद की जरूरत थी। निजी तौर पर मेरे लिए वह नया खुलासा था कि आप बड़े ग्रुप का हिस्सा होने के बावजूद अकेला महसूस करते हो। मैं यह नहीं कहूंगा कि मेरे साथ बात करने के लिए कोई नहीं था लेकिन बात करने के लिए कोई पेशेवर नहीं था जो समझ सके कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं। मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ा कारक होता है। मैं इसे बदलते हुए देखना चाहता हूं।'