भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली (Vinod Kambli) ने इतिहास के पन्नों को पलटा है. भारतीय क्रिकेट इतिहास में 13 मार्च भी एक खास वजह के लिए जाना जाता है. आज का दिन इसलिए याद रखा जाता है, क्योंकि ठीक 26 साल पहले कोलकाता के ईडेन गार्डेन्स में श्रीलंका के खिलाफ वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत को हारता हुआ देख, दर्शकों ने मैदान में पानी की बोतलें फेंकना शुरु कर दिया. बात यही ही नहीं रुकी, फैंस ने स्टैंड में आग लगाना शुरू कर दिया. पूर्व खिलाड़ी विनोद कांबली (Vinod Kambli) उस मैच के गवाह थे. कांबली उस दिन को याद करते हुए कई बड़ी बातों का जिक्र किया है.
13 मार्च 1996 को विश्व कप मैच में हुआ कुछ ऐसा
3 मार्च 1996 को को भारत और श्रीलंका (India vs Sri Lanka) के बीच कोलकाता में क्रिकेट वर्ल्ड कप सेमीफाइलन मैच खेला गया था. इस मैच में श्रीलंका अपनी पारी में 8 विकेट पर 251 रन बनाने में सफल रहा. इसके जबाव में मैदान पर उतरी भारतीय टीम की शुरूआत काफी खराब रही. मैदान में मौजूद फैंस टीम इंडिया के इस प्रदर्शन से काफी निराश दिखें. टीम इंडिया ने 22 रन पर 7 विकेट गंवा दिए.
भारत को मैच जीतने के लिए 15.5 ओवर में 132 रन बनाने थे. फैंस ने मैच के दौरान उत्पाद मचाया. चारों ओर मैदान पर अफरा-तफरी का माहौल था. मैच रेफरी क्लाइव लॉयल ने 15 मिनट तक खेल रोक दिया. उसके बाद मैच को दोबारा शुरु किया गया, लेकिन फैंस का यही रवैया फिर से चालू हो गया. जिसके चलते मैच रेफरी ने श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया. खेल रोके जाने तक भारत ने 8 विकेट पर 120 रन बना पाया. यह वही मैच था, जिसमें विनोद कांबली (Vinod Kambli) रोते हुए मैदान से बाहर आए थे.
फैंस ने क्रिकेट की इज्जत पर लगाया बट्टा
फैंस के बिना क्रिकेट अधूरा है और क्रिकेट के बिना फैंस अधूरे हैं. मैच के दौरान मैदान में देखा जाता है कि फैंस बड़ी संख्या में अपनी टीम को सपोर्ट करने आते हैं और वो जिस टीम को सपोर्ट करते हैं, उसे जीतता हुआ भी देखना चाहेंगे. क्या ये संभव है, तो इसका जबाव होगा नहीं. वो इसलिए क्योंकि हार जीत खेल का हिस्सा है. जिसमें एक टीम को जीत मिलेगी और एक टीम को हार. 26 साल पहले 13 मार्च 1996 को विश्व कप मैच में जो कुछ घटित हुआ उसने करोड़ों भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को एक बड़ा झटका लगा.
विनोद कांबली (Vinod Kambli) 13 मार्च 1996 के वर्ल्ड कप में हुई इस घटना को कभी भूल नहीं पाएंगे. क्योंकि इस घटना ने उन दिलों-दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी है, जो खिलाड़ी 10 रन बनाकर नाबाद खेल रहा हो और बिना खेले मैदान से बाहर जाना पड़े, तो दुख तो होगा ही ना. ऐसा ही कुछ विनोद कांबली के साथ हुआ. 10 रन पर नाबाद रहे विनोद कांबली को यकीन नहीं हुआ कि भारत विश्व कप से बाहर हो गया है. जब कांबली मैदान से वापस पवेलियन लौट रहे थे तो वह रो रहे थे. विनोद कांबली को आज भी इस बात का गम है कि उस मैच में किसी भारतीय बल्लेबाज ने उनका साथ नहीं दिया.