आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में इस साल मुंबई इंडियंस ने हैदराबाद के ओपनर तिलक वर्मा (Tilak Varma) पर दांव खेला है और उन्हें 1.70 करोड़ की कीमत पर खुद की टीम से जोड़ा है. साल 2020 में खेले गए अंडर-19 विश्व कप के जरिए उन्होंने हर किसी का धत्यान अपने प्रदर्शन के जरिए खींचा था. यही वजह है कि नीलामी के दौरान उन पर कई टीमों ने दिलचस्पी दिखाई थी. इसी बीच दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने अपनी जिंदगी के संघधर्ष से जुड़ी हर कहानी का खुलासा किया है.
पिता हैं मामूली से इलेक्ट्रीशियन
दरअसल, भारत के इस युवा बल्लेबाज के पिता इलेक्ट्रीशियन हैं. उनके पास अपना घर तक नहीं है. ऐसे में खर्चा चलाने में भी काफी दिक्कत होती है. लेकिन, आर्थिक तंगी के बावजूद भी उनके पिता ने कभी बेटे के सपने में रूकावट नहीं डाली. दोनों बेटों के सपने पूरे हों इसके लिए पिता ने अपनी हर इच्छा को दूसरे नंबर पर रखा. लेकिन, आईपीएल में करोड़पति बनने वाले तिलक वर्मा (Tilak Varma) अब अपनी इस कमाई से पिता को अपनी छत देुना चाहते हैं.
दैनिक भास्कर ने उनके करियर में आने वाली चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं को लेकर खास बातचीत की जिसमें उन्होंने अपने कई सपनों के बारे में बताया. मुंबई से मिलने वाली राशि को खर्च करने के बारे में जब युवा क्रिकेटर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा मेरे पिता नम्बूरी नागराजू इलेक्ट्रीशियन हैं. घर का खर्चा चलाने में काफी दिक्कतें होती हैं. हम दो भाई थे. बड़ा भाई पढ़ाई में करियर बनाना चाहता था लेकिन, मैं क्रिकेटर बनना चाहता था. इसलिए पिता ने अपनी इच्छाओं को मार दिया.
पिता को घर लेकर देना चाहता हूं- युवा क्रिकेटर
तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहा कि
मुझे आज भी याद है कि जब मैं पिता से कोई सामान लाने को कहता था तो इसके लिए कभी भी वो मना नहीं करते थे. लेकिन, ये बात जरूर कहते थे कि कुछ वक्त में आ जाएगा. फिर पापा कुछ दिनों में वो चीज लाकर भी देते थे. इसके लिए कई बार तो वे अपनी जरूरी चीजें भी नहीं खरीदते थे. इसलिए IPL से मिलने वाली राशि से मैं पापा और मम्मी को हैदराबाद में घर खरीदकर देना चाहता हूं.
इतनी बड़ी कीमत मिलने की नहीं थी उम्मीद
इस दौरान जब तिलक से ये सवाल किया गया कि क्या आपको इतनी राशि मिलने की आशाएं थी और नीसाली में आपर क्या देख रहे थे. इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा,
मुझे इतनी बड़ी रकम मिलने की उम्मीद ही नहीं थी. मैं अपने कोच सलाम बायश के साथ वीडियो कॉल पर नीलामी को देख रहा था. मैं ओडिशा में रणजी खेलने गया था. जब मेरा नाम ऑक्शन के लिए आया और राजस्थान रॉयल्स ने बोली लगाई. इसके बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स ने भी मुझे खरीदने में अपनी इच्छाएं दिखाई तो मैं काफी नर्वस हो गया था.
तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने आगे कहा कि
मैं यही चाहता था कि मुझे मुझे मुंबई इंडियंस खुद से जोड़े. जब मुंबई ने आखिरी बोली लगाई. इसके बाद मेरे खुशी का ठिकाना नहीं था. फिर मैंने घरवालों से इस बारे में बातचीत की. वह सभी काफी खुश थे. इतनी रकम मिलेगी, उन्हें वाकई कोई उम्मीद नहीं थी. मेरे पापा काफी इमोशनल हो गए थे. इसलिए वो अपनी बातें भी नहीं कह पा रहे थे.
सचिन-रोहित हैं मेरे पसंदीदा क्रिकेटर
सवाल जवाब के दौरान जब युवा क्रिकेटर से ये सवाल किया गया कि आप मुंबई इंडियंस के साथ क्यों जुड़ना चाहते थे, आखिर आपका पसंदीदा खिलाड़ी कौन है. तो इसके जवाब में तिलक वर्मना ने कहा,
जब से IPL का आगाज हुआ है मुंबई इंडियंस में सचिन सर और रोहित सर को फॉलो करता था. मैनें तभी से ही ये सोचा था कि जब भी मुझे इस मेगा टूर्नामेंट में हिस्सा लेने का मौका मिले तो मैं इस फ्रेंचाइजी के साथ खेलूं. मैं इसलिए मुंबई का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने अपनी टीम में शामिल कर मेरी इस चाहत को पूरी कर दी. रोहित सर और सचिन सर दोनों ही मेरे पसंदीदा क्रिकेटर हैं. मैं रोहित सर के मार्गदर्शन में खेलने को लेकर काफी ज्यादा एक्साइटेड हूं.
इसके बाद दैनिक भास्कर ने जब ये सवाल किया मुंबई में रोहित-ईशान की सलामी जोड़ी उपलब्ध है. ऐसे में क्या आप किसी और पोजिशन पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हैं. तो तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने कहा,
मैं मध्यक्रम में भी बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं. क्योंकि हैदराबाद के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मैंने इस क्रम में बल्लेबाजी की है. मैं टीम की जरूरत के मुताबिक किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी के लिए तैयार हूं.
2007 में धोनी की कप्तानी में टीम के WC जीतने के बाद क्रिकेटर बनने की जगी इच्छा
इसके साथ ही क्रिकेट में दिलचस्पी को लेकर जब तिलक सवाल किया गया तो इसका जवाब देते हुए तिलक वर्मा (Tilak Varma) ने कहा,
मैं जब छोटा था तब टीवी पर क्रिकेट देखता था. उस वक्त सचिन सर का मैं बहुत बड़ा फैन था. गली-मोहल्ले में खेलने के दौरान सचिन सर की बैटिंग स्टाइल की नकल करता था. इसके बाद 2007 में एमएस धोनी की कप्तानी में जब भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप जीता था उस वक्त देश में क्रिकेट का एक अलग ही नजारा था. इसलिए मेरी दिलचस्पी भी क्रिकेट में बढ़ती गई. इसके बाद मैं भी सलाम बायश सर के पास ट्रेनिंग के लिए जाने लगा.