IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज का दूसरा मैच 6 दिसंबर से शुरू होगा। यह मैच एडिलेड के कंबर के मैदान पर डे-नाइट मैच होगा, जो पिंक बॉल से खेला जाएगा। यह मैच भारत के लिए काफी अहम होने वाला है। क्योंकि पिछली बार जब भारत की टीम ने यह मैच खेला था तो वह 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
ऐसे में यह मैच टीम इंडिया के लिए काफी अहम होने वाला है। साथ ही यह मैच एक सीनियर भारतीय खिलाड़ी के लिए करियर का फैसला करने वाला होने वाला है। अगर वह मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो जल्द ही उसे भारत की टीम से बाहर किया जा सकता है। अब सबसे पहले जान लेते हैं कि यह खिलाड़ी कौन है।
IND vs AUS के बीच दूसरा मैच टीम इंडिया के एक खिलाड़ी के लिए अहम
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) ने अब तक पिंक बॉल से 12 मैच खेले हैं, जिसमें से उन्होंने 11 में जीत दर्ज की है। टीम इंडिया ने 4 मैच खेले हैं, जिसमें से उन्हें सिर्फ 1 हार मिली है। जाहिर है कि ऑस्ट्रेलिया को पिंक बॉल से ज्यादा अनुभव है। ऐसे में भारत की टीम को अच्छा खेल दिखाना होगा। इसके साथ ही रोहित शर्मा के लिए भी यह मैच काफी अहम होगा। एडिलेड मैच कप्तानी के साथ-साथ बतौर बल्लेबाज उनके लिए भी अहम है। अगर वह हारते हैं तो उनके कप्तानी ही नहीं बल्कि संन्यास लेने की भी संभावना है।
रोहित शर्मा ले सकते हैं संन्यास!
अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (IND vs AUS) दूसरे मैच में रोहित शर्मा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो उन्हें प्लेइंग 11 से बाहर किया जा सकता है। मालूम हो कि रोहित का टेस्ट में हालिया प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। बतौर कप्तान वह लगातार तीन टेस्ट मैच हार चुके हैं। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच उनके लिए ये सीरीज अहम है, ऐसे में बीच सीजन में उनसे कप्तानी छिनने की संभावना है। अगर डे नाइट टेस्ट में वो भारत को जिताने में असफल साबित होते हैं तो शायद खुद हरी कप्तानी से रिटायरमेंट का ऐलान कर दें। ये पहली बार नहीं है, भारतीय इतिहास के पन्नों पर ऐसा कई बार कप्तानों द्वारा लिये गए फैसले दर्ज हैं।
एमएस धोनी ने लिया था संन्यास
गौरतलब है कि पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच के बीच खेली जा रही टेस्ट क्रिकेट के बीच संन्यास लिया था। साल 2014 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ड्रॉ हुए टेस्ट मैच के बाद धोनी ने अचानक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
उस समय टीम विदेशी परिस्थितियों में संघर्ष कर रही थी, लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि धोनी सबसे लंबे प्रारूप को छोड़ देंगे। धोनी ने सिर्फ दो टेस्ट मैच खेलने के बाद संन्यास ले लिया। इसके बाद विराट कोहली को कप्तानी मिली। ऐसे में इस बार फिर से स्थिति दोहराई जा सकती है। अगर यही परिस्थिति ऑस्ट्रेलिया गई टीम इंडिया के साथ देखने को मिलता है, तो रोहित शर्मा भी ऐसा फैसला कर सकते हैं।
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