ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 साल बाद टीम इंडिया (Team India) को हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद एक ऐसा ऑलराउंडर चर्चा में आ गया है जो टेस्ट फॉर्मेट में भारत के लिए तुरूप का इक्का साबित हो सकता है लेकिन, इस फॉर्मेट में खेलने को राजी नहीं है। हाल ही में 3-1 से सीरीज गंवाने वाली भारतीय टीम में कई कमियां देखने को मिली। उन्हीं कमियों में से एक थी गेंदबाजी में अनुभव की कमी। खास तौर पर तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की कमी जो लंबे समय से टीम इंडिया की नासूर बनी हुई है। इस बार भी वह समस्या देखने को मिली। इस समस्या का समाधान एक खिलाड़ी कर सकता है। लेकिन उसने खुद को लंबे समय से टेस्ट से दूर रखा है।
Team India में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की खल रही है कमी
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई टीम इंडिया (Team India) में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के तौर पर नीतीश कुमार रेड्डी का चयन किया गया था। नीतीश कुमार रेड्डी ने बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने इस दौरे पर बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत की इज्जत बचाई थी। लेकिन गेंदबाजी में उन्होंने कोई खास प्रदर्शन नहीं दिखाया। वह औसत खेल खेलते नजर आए। ऐसे में एक बार फिर भारत को एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की कमी खली, जिस कमी को हार्दिक पांड्या पूरी कर सकते थे।
उनसे टेस्ट में वापसी को लेकर सवाल किया जा चुका है लेकिन उनके बयान से एक बात स्पष्ट होती है कि वो इस प्रारूप में खुद को नहीं देख रहे या फिर तवज्जो ही नहीं देना चाहते। वो सिर्फ सीमित फॉर्मेट पर अपना पूरा फोकस लगाए हैं। ऐसा बयान खुद हार्दिक दे चुके हैं। ऐसे में एक बात स्पष्ट होती है कि उन्होंने खुद भी ये फैसला कर लिया है कि वो टेस्ट नहीं खेलना चाहते, हालांकि इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन इस मनमानी का खामियाजा भारत को चुकाना पड़ रहा है।
टेस्ट में हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी की है टीम को जरूरत
यह तो सभी जानते हैं कि भारत के पास तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक का एक बेहतरीन विकल्प है, जो तीनों विभागों में बेहतरीन है। लेकिन निराशाजनक बात यह है कि हार्दिक ने खुद को लंबे समय से टेस्ट से दूर रखा है। उन्हें आखिरी बार 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इस फॉर्मेट के लिए टीम इंडिया (Team India) खेलते हुए देखा गया था। उसके बाद उन्हें टेस्ट में नहीं देखा गया। क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों के अनुसार हार्दिक ने टेस्ट से अनौपचारिक रूप से संन्यास ले लिया है। यही एकमात्र चीज है, जिसकी कमी भारत को विदेशी दौरों पर, खासकर सेना देशों में महसूस होती है।
शार्दुल ठाकुर ने भी किया निराश
गौरतलब है कि हार्दिक पांड्या की जगह टीम इंडिया (Team India) ने नीतीश रेड्डी से पहले शार्दुल ठाकुर को बतौर तेज गेंदबाज और गेंदबाज आजमाया था। लेकिन ठाकुर भी उस तरह का प्रदर्शन नहीं दिखा पाए, जिसकी भारतीय टीम को जरूरत है। वह सिर्फ गेंद से ही अच्छा प्रदर्शन दिखा पाए। बल्ले से उन्होंने फ्लॉप प्रदर्शन दिखाया।
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