Border Gavaskar Trophy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर को पर्थ में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) का पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा. इस 5 मैचों की टेस्टी सीरीज घोषणा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल पहले ही कर चुका है.वहीं इस सीरीज से पहले टीम इंडिया सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में साउथ अफ्रीका के साथ 4 मैचों की टी20 सीरीज खेलेगी.
इस टी20 सीरीज में चयनकर्ताओं में 3 जाबाज बल्लेबाजों को शामिल किया. जबकि उन 3 खिलाड़ियों को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए चुना जाना चाहिए था जो कंगारूओं के नाक में दम करने का माद्दा रखते हैं. आइए जाते हैं उन 3 खिलाड़ियों के बारे में...
1. अक्षर पटेल
बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) के बाएं हाथ के स्पिनर गेंदबाज अक्षर पटेल को नहीं चुना गया है. उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेली जाने वाली 4 मैचों टी20 सीरीज में शामिल किया गया है. लेकिन, खेल पंड़ितों का मानना हैं कि चयनकर्ताओं को उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुना जाना चाहिए था. क्योंकि, पटेल गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी करने में पूरी तरह से सक्षम है. बैटिंग में उनका 35.88 का औसत है. 14 मैचों में 19.34 की औसत से 55 विकेट चटकाए हैं. ऐसे में अक्षर पटेल भारत के लिए एक्स फैक्टर साबित हो सकते थे.
2. अर्शदीप सिंह
अर्शदीप सिंह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) नहीं बल्कि अफ्रीका में टी20 सीरीज खेलते हुए नजर आएंगे. मोहम्मद शमी के बाहर होने के बाद खेल प्रेमियों का मानना है कि अर्शदीप सिंह को शामिल किया जाना चाहिए था. पर्थ और एडिलेड जैसी तेज पिचों पर बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप कंगारू बल्लेबाजों के लिए घातक साबित हो सकते थे. सिंह के पास काफी वैरिएशन है और अच्छी गति से बॉलिंग करना का दमखम रखते हैं. मगर, उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे से बाहर रखना समझ से परे हैं. जबकि नौसिख्या
3. रिंकू सिंह
इस लिस्ट में तीसरा और आखिरी नाम विस्फोटक बल्लेबाज रिंकू सिंह को है जो भारत के लिए वनडे और टी20 में डेब्यू कर चुके हैं. लेकिन, उन्हें अभी तक टेस्ट में पदार्पण करने का मौका नहीं मिला है. बता दें कि रिंकू को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) के टेस्ट स्क्वाड में शामिल किया जा सकता था.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका 54.68 का औसत है. 50 मैचों में 3336 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले 7 शतक और 22 अर्धशतक भी निकले हैं. वह मुश्किल परिस्थिति में पंत की तरह आक्रामक बैटिंग कर भारत की पारी को बढ़ा सकते थे. लेकिन, उन्हें चयनकर्ताओं ने इस दौरे पर मौका देने लायक नहीं समझा.
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