Indian Cricketer: भारतीय टीम के लिए क्रिकेट के खेलना का सपना है हर युवा खिलाड़ी का होता है, लेकिन उन स्तर पर पहुंचने के बावजूद कुछ खिलाड़ी टीम में अपनी जगह नहीं बना पाते और फिर आखिर में तंग आकर संन्यास ले लेते हैं। लेकिन संन्यास के बाद उनकी किस्मत कब पलट जाती है यह उनका भी शायद मालूम नहीं होगा। आज हम आपको ऐसे ही खिलाड़ियों (Indian Cricketer) के बारे में बताने वाले हैं, जिनको असली पहचान उनके संन्यास के बाद मिली थी।
आकाश चोपड़ा ने कमेंट्री में दिखाया जादू/cricket-addictor-hindi/media/media_files/2025/01/27/WkNlwSOyuGf1bxZ2lOhq.png)
टीम इंडिया के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा (Indian Cricketer) का करियर उतना लंबा नहीं रहा, जितनी उन्होंने खुद से अपेक्षा की होगी, लेकिन क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद इस सलामी बल्लेबाज ने कमेंट्री में हाथ आजमाया और आज के समय इनके लाखों चाहने वाले हैं। आकाश ने 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था, जिसमें उन्होंने 42 रन की दमदार पारी खेली थी, जबकि दूसरी इनिंग में आकाश ने 31 रन बनाए थे। हालांकि, उनका करियर अंतरराष्ट्रीय करियर मात्र 10 मैचों का रहा, लेकिन अब वह कमेंट्री की दुनिया में जाने माने चेहरे हैं। फिलहाल वह स्टार स्पोर्ट्स और जियो सिनेमा के साथ काम करते हैं।
मनोज तिवारी ने राजनीति में बनाई पहचान
साल 2008 में टीम इंडिया के लिए वनडे में डेब्यू करने वाले मनोज तिवारी (Indian Cricketer) का अंतिम वनडे मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। 7 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में वह भारत के लिए महज 12 वनडे और 3 टी20आई मैच ही खेलने में सफल रहे थे। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया से ड्रॉप कर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने संन्साय लेकर सियासी पिच पर उतरने का फैसला किया और तृणमूल कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इसके बाद टीएमसी की ओर से उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए। इसके बाद उन्हें सरकार में खेल मंत्री बनाया गया और अभी वह इसी पद पर कायम हैं। मनोज तिवारी (Indian Cricketer) आज भी धोनी और गंभीर को लेकर कई विवादित बयान देते रहते हैं।
हार्डी संधू भी खेल चुके हैं क्रिकेट
पंजाबी फेमस सिंगर हार्डी संधू (Indian Cricketer) भी घरेलू क्रिकेट खेल चुके हैं। इस बात का खुलासा एक बार उन्होंने खुद किया था, जिसके बाद हर कोई हैरान रह गया था, लेकिन हार्डी ने पंजाब के लिए साल 2005 में प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया था, जिसके बाद उन्होंने पंजाब के लिए लिए कुल 3 फर्स्ट क्लास मुकाबले खेले थे, जिसमें उन्होंने 12 विकेट झटके, तो वहीं बल्ले से 11 रन बनाए थे। संधू बतौर फास्ट बॉलर टीम में अपना योगदान दे रहे थे, लेकिन 2007 में कोहनी में लगी गंभीर चोट ने हार्डी का क्रिकेटिंग करियर समाप्त कर दिया था और इसके बाद उन्होंने सिंगिंग और एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा और आज इनकी फैन फॉलोइंग न सिर्फ इंडिया में बल्कि पूरी दुनिया में हैं। संधू आज अपनी शानदार आवाज से पूरी दुनिया में अलग ही पहचान बना चुके हैं।
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