Gautam Gambhir: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का चौथा टेस्ट मैच मेलबर्न में खेला जा रहा है। कंगारू बल्लेबाजों ने पहली पारी में 474 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया है। एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन जारी है। जसप्रीत बुमराह को छोड़ किसी भी गेंदबाज का प्रदर्शन इस सीरीज में फीका ही रहा है। गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद से टीम इंडिया का प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है, जिसका असर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी जारी रहा।
फैंस का मानना है कि बीसीसीआई को जल्द ही गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के द्वारा की गई इन गलतियों को सुधारना पड़ेगा, नहीं तो दिन ब दिन भारतीय टीम का प्रदर्शन इसी तरह से गिरता रहेगा। चलिए आपको बताते हैं गौतम गंभीर की ऐसी कौन सी गलतियां रही हैं, जिसको बीसीसीआई को जल्द ही सुधारना होगा इसके घातक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
टीम सिलेक्शन पर उठे सवाल
बॉर्डर-गावस्कर ट्र्रॉफी के लिए जिस भारतीय स्क्वाड का चयन किया गया था अब उसपर सवाल खड़े होने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने सेलेक्शन में अपनी मनमानी कर अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को चुना है। हर्षित राणा को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुनना सबसे बड़ी गलती माना जा रहा है। दरअसल, अब तक उनका प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर निराशाजनक ही रहा है।
हर्षित ने अब तक इस सीरीज में दो टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्हें सिर्फ चार विकेट ही मिले हैं। इस दौरान उन्होंने 4.51 की महंगी इकॉनमी से रन भी लुटाए हैं। लोगों का मानना है कि हर्षित राणा का चयन केकेआर कोटे से हुआ है। दरअसल, गौतम गंभीर आईपीएल की केकेआर टीम के मेंटर हैं और हर्षित राणा भी आईपीएल में इसी टीम से खेलते हैं। इसके अलावा सिराज को भी ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें स्क्वाड में शामिल किया गया।
सिराज का खराब प्रदर्शन जारी
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का खराब प्रदर्शन लगातार जारी है लेकिन इसके बावजूद उन्हें लगातार प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जा रहा है। सिराज के चलते ही भारतीय टीम की बॉलिंग लाइन अप इस सीरीज में काफी कमजोर दिखाई दे रही है। एक छोर से अन्य भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन दूसरे छोर से सिराज रन लुटा रहे हैं, जिसका खामियाजा पूरी भारतीय टीम को उठानी पड़ रही है।
लगातार चार मैच में फ्लॉप होने के बाद भी गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) उनपर भरोसा जता रहे हैं, जिसकी वजह से पूरी टीम को परेशानी उठानी पड़ रही है। सिराज के स्थान पर बॉक्सिंग डे टेस्ट में प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया जा सकता था, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच गौतम गंभीर ने भी यहां पर अपने पसंदीदा खिलाड़ी को मौका था और एक बार फिर उनका खराब प्रदर्शन जारी रहा।
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गंभीर की पसंद का कोचिंग स्टाफ
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने भारतीय टीम का हेड कोच बनने से पहले ही अपनी शर्तों की लिस्ट बीसीसीआई को थमा दी थी। गंभीर का कहना था कि अगर वह टीम इंडिया के हेड कोच बनते हैं तो उनका स्टाफ भी उनके अनुसार होगा, जिसपर बीसीसीआई ने अपनी सहमति जताई थी। हालांकि, इसका असर टीम इंडिया के प्रदर्शन पर विपरित पड़ा। गंभीर की पहली मांग थी कि साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल को टीम इंडिया का गेंदबाजी कोच बनाना चाहते थे, जिसपर बीसीसीआई ने हामी भरी, लेकिन मोर्कल के कोच बनने के बाद टीम इंडिया का गेंदबाजी क्रम काफी कमजोर रहा है।
इसके अलावा अभिषेक नायर और रियान टेन डोइशे के बल्लेबाजी कोच बनने के बाद टीम इंडिया का बैटिंग में प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है। बता दें कि रियान टेन डोइशे आईपीएल में केकेआर की तरफ से खेल चुके हैं, जिस समय गौतम गंभीर कप्तान थे। वहीं, अभिषेक नायर भी केकेआर में कोच की भूमिका निभाते हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इनका चयन भी केकेआर कोटे से ही गौतम गंभीर ने करवाया होगा।
अनुभवी खिलाड़ियों की कमी
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम की सबसे बड़ी कमजोरी ''अनुभव'' की कमी सामने आई है, जिसका फायदा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जमकर उठा रहे हैं। इस श्रृंखला में मोहम्मद शमी की कमी टीम इंडिया को काफी खल रही है। हालांकि, वह फिट हैं या नहीं इसपर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। एक तरफ कप्तान रोहित शर्मा और बीसीसीआई की मेडिकल टीम उन्हें अनफिट बता रही है तो दूसरी तरफ वह रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में 43 ओवर की गेंदबाजी कर देते हैं। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में संपन्न हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बंगाल की तरफ से सभी नौ मुकाबले खेले थे और शानदार लय में भी दिखाई दे रहे थे।
ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अगर शमी फिट नहीं है तो वह इन टूर्नामेंट में कैसे खेल रहे हैं या फिर उनकी फिटनेस का बहाना सिर्फ उन्हें टीम इंडिया से बाहर रखने के लिए किया जा रहा है। शमी के अलावा इस दौरे पर टीम इंडिया का बल्लेबाजी क्रम भी काफी कमजोर दिखाई दिया है। रोहित शर्मा और विराट कोहली की खराब फॉर्म और उसके बाद अनुभवी खिलाड़ियों को जल्दी सिमट जाना टीम इंडिया के लिए सिरदर्द बना हुआ है। उम्मीद थी कि इस दौरे के लिए चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को स्क्वाड में शामिल किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सरफराज और जुरेल की अनदेखी
भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ सरफराज खान और ध्रुव जुरेल ने पदार्पण किया था और पहले ही मैच में धामकेदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया में अपनी जगह भी पक्की कर ली। मगर जैसे ही गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) टीम इंडिया के हेड कोच बने तब से वह बेंच पर बैठे हैं। शुरुआती मुकाबलों में शुभमन गिल, ऋषभ पंत का फॉर्म नहीं दिखा है, जिसके बाद ध्रुव जुरेल और सरफराज खान को मौका दिया जा सकता था, लेकिन मेलबर्न टेस्ट में भी इनफॉर्म खिलाड़ियों को बेंच पर बैठाकर फॉर्म की तलाश कर रहे खिलाड़ियों को मौका दिया। यहीं कारण है कि भारत अब तक इस सीरीज में सिर्फ एक बार ही 400 का आंकड़ा पार कर पाई है।
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